जयपुर: फेस्टिव सीजन में ऑफर्स की भरमार है. सस्ते, अच्छे और ब्रैण्डस के लालच में कई बार ग्राहक ऑफर्स के जाल में फंसकर अपना नुकसान करा बैठते हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी में सामने आया. यहां मां को गिफ्ट करने के चक्कर में डॉ आकाश 16 हजार रुपए गंवा बैठे.
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क्या है मामला?
मामला गोपालपुरा बायपास स्थित नारायण विहार कि नारायण सागर कॉलोनी का है. यहां बेटे डॉ आकाश ने अपनी मां को सरप्राइज देने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजन से एक घड़ी मंगवाई. स्मॉर्ट वॉच ऑफर में 16 हजार की थी. इसका पेमेंट भी उन्होंने ऑनलाइन किया. तय तारीख पर गिफ्ट पैक आया. जब बेटे ने अपनी मां को गिफ्ट करने से पहले पैक को खोल कर देखा तो पैक के अंदर से स्मार्ट वॉच न निकल कर एक साधारण सी सेकंड हैंड घड़ी निकली.
कम्पनी से लगाई गुहार, सब बेकार
ठगी का शिकार (Online Fraud) होने के बाद पीड़ित ने अमेजन कस्टमर केयर (Amazon Customer Care) के जरिए शिकायत की. कस्टमर केयर के बताए अनुसार पैकिंग की फोटो क्लिक कर ईमेल कर दी. जिस पर कंपनी के प्रतिनिधि की तरफ से रिफंड देने का आश्वासन दिया गया और बाद में उसे कैंसिल कर दिया गया. ठगी का शिकार हुए डॉ.आकाश, कंपनी के अनेक प्रतिनिधियों को ईमेल (Email) कर इस बारे में शिकायत कर चुके हैं लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
गौरतलब है कि इस तरह की ठगी का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी इस तरह के अनेक प्रकरण सामने आ चुके हैं। जिसमें महंगे इलेक्ट्रॉनिक आइटम मंगवाने वाले लोगों के साथ इसी तरह से ठगी हो चुकी है.
कैसे बचें
समय- समय पर ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर हो रही धोखाधड़ी की खबरें आती रहती हैं. खासकर फेस्टिव सीजन में ऑफर्स का लालच इसे और बढ़ा देता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे बचने के लिए पहले तो प्रोडक्ट्स के मार्जिन को जांचे परखें. इन दिनों Sub standard items की भरमार है जिन्हें सेल के नाम पर कई कम्पनी ठिकाने लगा देती हैं. इसके अलावा सबसे जरूरी है कि प्रॉडक्ट को चुनते हुए कैश ऑन डिलीवरी (COD) का विकल्प चुन सकते हैं. यह एक ऐसा विकल्प है, जिसमें आप अपने हाथ में सामान आने के बाद पेमेंट करते हैं. अच्छा ये होता है कि सामान देख परख कर अगर पैसे चुकाए जाएं तो ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है.
ऐसे करें अनवेरिफाइड साइट की पहचान
विशेषज्ञों की राय है कि किसी भी वेरिफाइड साइट्स से ही प्रोडक्ट्स लेने की सोचें. जिन साइट्स के शुरूआत में ही https होता है, वे साइटें वेरिफाइड होती हैं. वहीं http में बिना s वाली साइट्स अनवेरिफाइड होती हैं. ऐसी साइट्स में धोखाधड़ी होने की आशंका बनी रही है.