जयपुर. राजस्थान में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. दिन प्रतिदिन मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इसी बीच डॉक्टर, पुलिस सफाई कर्मी दिन रात जुटे हैं कि लोगों को कोरोना के चपेट से बचाया जा सके. राजधानी जयपुर की बात करे तो जयपुर में कोरोना के कुल 1 लाख 18 हजार 780 केस हैं. ऐसे में जयपुर के दोनों निगमों ने भी शहर वासियों को कोरोना से बचाने के लिए कमर कसी है.
जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर की कोरोना से जंग राजधानी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहले से ज्यादा घातक साबित हो रही है. हर दिन संक्रमित मरीजों और मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. रविवार को तो अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 4456 पॉजिटिव मरीज सामने आए. सड़क, सीवर, सफाई, स्ट्रीट लाईट, पार्क जैसे कार्यों के लिए निगम की ओर देखने वाले शहर वासियों को महामारी के इस दौर में भी निगम प्रशासन से ही आस है. इस पर खरे उतरने की कोशिश करते हुए जयपुर के दोनों निगम प्रशासन शहर को संक्रमण से बचाने के साथ-साथ आम जनता को जागरूक करने के लिए जन आंदोलन भी चला रहे हैं. जिससे लोग सचेत होकर सुरक्षित रह सके. जिसके तहत उन्होंने तीन स्ट्रेटजी अपनाई है. पहला जन आंदोलन, दूसरा नियम तोड़ने पर पेनाल्टी और तीसरा सैनिटाइजेशन. इन्हीं तीनों के आधार पर जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर निगम शहरवासियों को कोरोना से बचाने में जुटा है.
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जन आंदोलन: इसके तहत दोनों निगम लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक कर रहे हैं. जिसके तहत निगम जनजागरुकता रैली, वाहनों द्वारा कोरोना का प्रचार, पंपलेट और होर्डिंग से लोगों को जागरुक किया जा रहा है. जयपुर हेरीटेज और ग्रेटर नगर निगम ना सिर्फ लोगों को जागरूक कर रहा है बल्कि कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त रुख भी अख्तियार किए हुए हैं. कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शादी समारोह से लेकर दुकान संचालन तक के लिए नियम बनाए गए हैं लेकिन जब इन नियमों की अवहेलना की जाती है तो इन संस्थानों पर ताले भी जड़े जा रहे हैं.
पेनाल्टी :जागरूकता और सख्ती के साथ-साथ निगम का प्राथमिक कार्य सफाई व्यवस्था ना चरमराए, इसके लिए भी निगम के अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जहां हेरिटेज नगर निगम में बीवीजी कंपनी के अलावा निगम के 100 हूपर भी जुटे हुए हैं. वहीं ग्रेटर नगर निगम में बीवीजी का विकल्प खोजा जा रहा है. हालांकि, महामारी के इस दौर में निगम प्रशासन के पास साफ-सफाई के साथ सैनिटाइजेशन की भी एक बड़ी जिम्मेदारी है. जिन क्षेत्रों में कोरोना पॉजिटिव सामने आ रहे हैं, वहां सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. इसके साथ ही उन घरों और उनके आसपास भी हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जा रहा है, जहां कोविड-19 मरीज मिले हो और अब तो सार्वजनिक स्थानों, रोडवेज और लो फ्लोर बसों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है.
सैनिटाइजेशन :इसके अलावा चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर शहर के सभी 250 वार्डों में वैक्सीनेशन शिविर भी लगाए जा रहे हैं. दोनों निगम में अब तक तकरीबन 97 कैंप लगाए जा चुके हैं और ये क्रम बदस्तूर जारी है. इससे पहले निगम के सभी फ्रंटलाइन वर्कर का भी वैक्सीनेशन किया गया था.
वहीं कोरोना मरने वालों के निशुल्क परिवहन और अंतिम संस्कार का काम भी निगम प्रशासन की ओर से ही किया जा रहा है. कुल मिलाकर महामारी के इस दौर में जयपुर के दोनों निगम चौकस और निगेहबान दिख रहे हैं. कोशिश यही है कि संक्रमण के बढ़ते दायरे से शहर को बचाया जा सके.
निगमों ने जागरुकता के लिए पंपलेट बांटे