जयपुर.राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों में होने वाले उपचुनाव में ना तो फर्जी मतदान होगा और ना ही मतदान प्रतिशत आने में देरी होगी. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद फर्जी मतदाताओं की पहचान करने और चुनाव प्रक्रिया का ब्योरा तत्काल सामने लाने के लिए निर्वाचन विभाग बूथ मोबाइल ऐप का पहली बार इस्तेमाल करेगा. इसको लेकर निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने पूरी तैयारी कर ली है.
राज्य निर्वाचन विभाग के संयुक्त निर्वाचन अधिकारी आईटी, एमएन तिवाड़ी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग से मिले निर्देशों के बाद बूथ ऐप के इस्तेमाल को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. हमें उम्मीद है कि इससे पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिलेगी. उन्होंने आगे कहा कि ऐप निर्वाचन आयोग के सर्वर से जुड़ा है और कूट (इनक्रिप्टेड) तरीके से आंकड़े देने में सक्षम है.
अधिकारी ने बताया कि यह लिंग और आयु आधारित मतदान की जानकारी देता है. यह मतदान की गति और चुनाव संबंधी अन्य जानकारी भी देता है. उन्होंने कहा कि इस बार मतदाता पर्ची पर फोटो और क्यूआर कोड नहीं होगा. इसकी जगह मतदाता के सीरियल नंबर उस एप में डाले जायेंगे, जैसे ही मतदाता के सीरियल नंबर उसमें अपलोड होगा तो मतदाता का डाटा निर्वाचन आयोग के सर्वर पर चला जाएगा, जिससे पीठासीन अधिकारी वास्तविक समय में मतदान प्रतिशत की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.
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उन्होंने बताया कि इससे चुनाव प्रक्रिया को न केवल गति मिलेगी, बल्कि सही जानकारी दर्ज हो यह सुनिश्चित होगा कि बूथ ऐप मतदान के दोहराव का पता लगाने में सक्षम है और ऐसा होने पर वह चुनाव अधिकारियों के फोन में तेज आवाज करके उन्हें आगाह कर देगा. बताया गया कि इस ऐप का इस्तेमाल प्रायोगिक तौर पर साल 2019 के चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के पांच, महाराष्ट्र, बिहार और पंजाब के तीन बूथों और झारखंड की 10 सीटों पर किया गया था.