जयपुर. डिजिटल भारत की क्रांति के साथ देश भर में अब रुपयों के लेनदेन भी ज्यादातर डिजिटली किए जा रहे हैं.बैंक, कंपनीज, हॉस्पिटल्स, होटल से लेकर परचून की दुकान से लेकर पान की गुमटी तक पर लोग तमाम विधियों से डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं. इस बदलाव ने लोगों की राह आसान की हैं तो मुश्किलें और रिस्क भी बढ़ा दिए हैं. डिजिटलीकरण के इस दौर में साइबर फॉड भी तेजी से बढ़ रहा है. इन दिनों साइबर हैकर्स के निशाने पर कई बड़े पॉलीटिशियंस और ब्यूरोक्रेट्स हैं. पीएम मोदी से लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य, गोविंद सिंह डोटासरा, सांसद दीया कुमारी आदि के सोशल मीडिया अकाउंट हैक (PM Modi and Rajasthan many minister account were hacked) कर ठगी की जा चुकी है.
साइबर हैकर्स नामचीन लोगों के सोशल मीडिया पर मौजूद ब्लू टिक वेरीफाइड अकाउंट को हैक (Blue tick verified social media account hacking) कर लाखों-करोड़ों की ठगी कर रहे हैं. खास तौर पर क्रिप्टो करेंसी को लेकर विभिन्न तरह के पोस्ट कर साइबर ठग लोगों से चूना लगा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी समेत राजस्थान में भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं और कई बड़े राजनेता, आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैकर्स का शिकार बन चुके हैं. सोशल मीडिया पर संचालित वेरीफाइड अकाउंट के एडमिन को साइबर हैकर विभिन्न तरह के मैसेज भेज कर अकाउंट को बंद करने का झांसा देते हैं और फिर अपने जाल में फंसा कर ठगी करते हैं.
पढ़ें.साइबर ठगों ने दो बैंकों की 3 शाखाओं को बनाया निशाना, 1 करोड़ रुपए का लगाया चूना
ब्लूटूथ वेरीफाइड सोशल मीडिया अकाउंट ही बना रहे निशाना
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज (advice of cyber security experts) ने बताया कि साइबर हैकर्स ब्लूटूथ वेरीफाइड सोशल मीडिया अकाउंट और पेज को ही अपना निशाना बना रहे हैं. इसके पीछे का मुख्य कारण वेरीफाइड अकाउंट की रीच बड़ी तादाद में होना है. हैकर्स इन वेरीफाइड अकाउंट को हैक करने के बाद उस अकाउंट या पेज के जरिए जो भी चीज पोस्ट करते हैं वह बड़ी तादाद में लोगों को प्रभावित करती है. वेरीफाइड अकाउंट से पोस्ट की जाने वाली हर तरह की चीजों पर लोग जल्दी विश्वास कर लेते हैं और हैकर्स के जाल में फंसकर ठगी का शिकार हो जाते हैं.
पेज क्वालिटी के नाम से प्रोफाइल बनाकर होती है ठगी
एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर हैकर्स विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वेरीफाइड पेज को हैक करने के लिए पेज क्वालिटी के नाम से प्रोफाइल बनाते हैं. उसके बाद उस प्रोफाइल के माध्यम से वेरीफाइड अकाउंट को टारगेट करते हुए एडमिन को मैसेज भेज कर कम्युनिटी गाइडलाइन के उल्लंघन का हवाला देते हैं. इसके साथ ही उस मैसेज में वेरीफाइड अकाउंट को बंद करने की बात कहकर अकाउंट को सुचारु रखने के लिए एक लिंक पर क्लिक कर विभिन्न स्टेप को फॉलो करने के लिए कहा जाता है.
पढ़ें.अजमेर: Facebook पर वीडियो चैट करना पड़ा युवक को भारी, चैट के जरिए ब्लैकमेल करने का मामला
जब तक वेरीफाइड अकाउंट का एडमिन उन मैसेज पर गौर नहीं करता है तब तक उसे लगातार साइबर हैकर चेतावनी भरे मैसेज भेजते रहते हैं. मैसेज को देख कर वेरीफाइड अकाउंट बंद न हो जाए यह सोचकर जैसे ही एडमिन हैकर्स की ओर से भेजे गए लिंक पर क्लिक करता है, उस पेज का एडमिन राइट या एडमिन एक्सेस हैकर्स की ओर से मांगा जाता है. और वेरीफाइड अकाउंट का एडमिन उस पेज का एडमिन राइट हैकर्स को जैसे ही देता है वे पेज के असली एडमिन को रिमूव कर देते हैं और खुद उस पेज का एडमिन बनकर पेज हैक कर लेते हैं.