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लॉकडाउन के चलते अस्पतालों में ब्लड की कमी, सामाजिक संगठन आए आगे

कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में लागू लॉकडाउन के चलते अस्पतालों और ब्लड बैंकों में रक्त आपूर्ति कम हो गई है. जिसके चलते ऐसे मरीज जिनको रोजोना ब्लड जरूरत होती है, उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ऐसी स्थिति में कुछ सामाजिक संगठन आगे आए हैं और डोनेशन कैंप का आयोजन कर रहे हैं.

अस्पतालों में रक्त की कमी, Blood loss in hospitals
अस्पतालों में रक्त की कमी

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Published : Apr 7, 2020, 11:48 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के चलते पूरे राजस्थान में लॉकडाउन जारी है. यह लॉकडाउन उन मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गया है, जिन्हें हर महीने रक्त की आवश्यकता होती है. आमतौर पर थैलेसीमिया और कैंसर से जूझ रहे मरीजों को सबसे अधिक ब्लड की आवश्यकता होती है. लेकिन लॉकडाउन के चलते ब्लड डोनेशन को लेकर जो कैंप लगाए जाते थे, वह अब लगभग खत्म हो गए हैं.

ऐसे में जो डोनर हैं वह भी डरे हुए हैं, क्योंकि लॉकडाउन के चलते किसी भी व्यक्ति को बाहर निकलने की इजाजत नहीं है और रक्तदान नहीं होने के चलते सबसे ज्यादा असर अस्पतालों पर पड़ने लगा है. क्योंकि ब्लड डोनेशन कैंप या डोनर नहीं होने के चलते अस्पतालों में रक्त नहीं पहुंच रहा है. शहरों और कस्बों में स्थित ब्लड बैंक में रक्त की आपूर्ति नहीं हो रही है.

खून की कमी से जूझ रहे हैं अस्पताल

ब्लड बैंक के हालात

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की बात करें तो यहां ब्लड स्टोरेज की क्षमता करीब 800 यूनिट है और हर दिन बड़ी संख्या में लोग रक्तदान करने अस्पताल भी पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण लोग अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में अस्पताल में स्टोरेज संख्या महज 25 फीसदी ही रह गई है. सवाई मानसिंह अस्पताल ही नहीं राजधानी जयपुर में करीब 25 से अधिक ब्लड बैंक स्थित हैं और सभी अस्पतालों और ब्लड बैंक में रक्त की कमी लगातार होने लगी है.

इतनी होती थी आपूर्ति

अस्पतालों और ब्लड बैंक से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के चलते अब ब्लड डोनेशन कैंप बंद हो चुके हैं. वहीं ब्लड डोनेट करने डोनर भी नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में हर दिन रक्त की कमी हो रही है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े अन्य चार अस्पतालों में भी अब हालात खराब होने लगे हैं. हर दिन कैंप और डोनर से करीब 400 से 500 यूनिट रक्त अस्पतालों और ब्लड बैंकों को उपलब्ध होता था. लेकिन अब यह महज 50 यूनिट तक ही हो पाता है.

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सामाजिक संगठन आगे आए

रक्त की कमी को देखते हुए अब कुछ सामाजिक संगठन आगे आने लगे हैं और शहर के अलग-अलग स्थानों पर ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किए भी जा रहे हैं. ताकि जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध हो सके. कोरोना वायरस के चलते अधिकतर अस्पतालों में मेजर सर्जरी मरीजों की बंद कर दी गई है. ऐसे में रक्त की सबसे ज्यादा जरूरत ऐसे मरीजों को है जो थैलेसीमिया और कैंसर से पीड़ित हैं.

प्रदेश में कोरोना की महामारी के चलते बने हालातों के बीच ईटीवी भारत आपसे अपील करता है कि सुरक्षा और सोशल डिस्टेंस को अपनाते हुए रक्तदान करें. किसी जरूरतमंद को खून देकर उसकी जिंदगी बचाने में अपनी भागीदारी निभाएं...

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