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जयपुरः कलेक्ट्रेट में स्टांप की कालाबाजारी - DIG stamp Pratibha Pareek Pareek

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में स्टांप की कमी का वेंडर्स खूब फायदा उठा रहे हैं. बता दें कि जिला कलेक्ट्रेट में एक हजार रुपए का स्टांप 3 महीने से नहीं है. डीआईजी स्टांप प्रथम प्रतिभा पारीक ने बताया कि स्टांप की कालाबाजारी की शिकायतें आने पर लगातार कार्रवाई की जा रही है.

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Published : Aug 20, 2019, 11:33 PM IST

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट में स्टांप की कमी का वेंडर्स खूब फायदा उठा रहे हैं. बता दें कि जिला कलेक्ट्रेट में एक हजार रुपए का स्टांप 3 महीने से नहीं है. वहीं स्टांप वेंडर्स जनता से 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत ज्यादा पैसा वसूल कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में स्टांप वेंडर्स 500 रुपए का स्टांप 650 रूपए तक बेच रहे हैं, जबकि नियमानुसार वेंडर्स 20 फ़ीसदी से अधिक राशि नहीं ले सकते हैं. इसी तरह से स्टांप वेंडर 100 रुपए का स्टांप 150 और 50 रुपए का स्टांप 70 रूपए में बेच रहे हैं.

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में हो रही स्टांप की कालाबाजारी

हर महीने आ रहे 8 करोड़ के स्टांप

कोषालय से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी में हर महीने आठ करोड़ के स्टांप मंगाए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी कालाबाजारी हो रही है. पिछले दिनों की बात की जाए तो 500 और 1000 रुपए के स्टांप की किल्लत देखी गई है. वहीं1000 रूपए का स्टांप पिछले 3 महीने से जिला कलेक्ट्रेट में नहीं है और 500 रुपए का स्टांप भी करीब 10 दिन बाद वेंडर्स के पास पहुंचा है. बता दें कि वेंडर्स को 500 रूपए के स्टांप भी सीमित संख्या में दिए गए हैं, ऐसे में वेंडर्स स्टांप को बाजार में बेचते नहीं है उन्हें दबा कर बैठ जाते हैं और जब स्टांप की किल्लत नजर आती है तो महंगे दाम पर बेच देते हैं.

चालान एडवांस में और स्टाम्प की सप्लाई देरी

कोषागार विभाग में स्टांप वेंडर्स एडवांस में चालान भरते हैं. उसके बाद उन्हें स्टांप की सप्लाई की जाती है. वर्तमान में स्टांप की सप्लाई भी वेंटर्स को 10 दिन बाद की जा रही है. स्टांप की दर के अतिरिक्त वेंडर्स को 20 फ़ीसदी सर चार्ज भी देना होता है, जिसे यह जनता से वसूलते हैं. बता दें कि सरकार वेंडर्स को स्टांप बेचने के लिए 1 प्रतिशत कमीशन भी देती है.

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डीआईजी स्टांप प्रथम प्रतिभा पारीक ने बताया कि स्टांप की कालाबाजारी की शिकायतें आने पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि शिकायत आने के बाद वेंडर्स की सुनवाई की जाती है, उसके बाद वेंडर्स का लाइसेंस निलंबित या सस्पेंड कर दिया जाता है. प्रतिभा पारीक ने कहा कि यदि कोई वेंडर्स स्टांप की कालाबाजारी करता है तो डीआईजी स्टाम्प प्रथम या डीआईजी स्टाम्प द्वितीय को शिकायत की जा सकती है. उन्होंने कहा कि शिकायत के लिए नंबर भी वेबसाइट पर दिए हुए हैं. स्टांप कालाबाजारी की हमें लिखित या फ़ोन पर शिकायत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी स्टांप वेंडर स्टांप के मूल्य का 20 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं ले सकता.

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