जयपुर. कोरोना संक्रमण के बीच म्यूकर माइकोसिस फंगल इंफेक्शन जैसी बीमारी भी संक्रमित मरीजों में देखने को मिल रही है. खासकर उन कोविड मरीजों में यह बीमारी देखने को मिल रही है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं और इलाज के दौरान जिन्हें स्टेरॉयड दिया गया है. डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी नाक, मुंह और आंख के जरिए दिमाग तक को संक्रमित कर रही है. ऐसे में कुछ मामलों में आंखों की रोशनी जाने के मामले भी देखने को मिले हैं.
म्यूकर माइकोसिस फंगल इंफेक्शन के प्रदेश में बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं. जयपुर की बात की जाए तो अब तक 50 से अधिक मामले एक निजी अस्पताल में इसके देखने को मिल रहे हैं. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर मोहनीश ग्रोवर का कहना है कि म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामले 40 से अधिक आयु वाले कोविड-19 संक्रमित मरीजों में देखने को मिल रहे हैं. डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में यह मामले अधिक सामने आ रहे हैं. डॉक्टर ग्रोवर का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के 1 महीने बाद भी मरीजों में ये इनफेक्शन देखने को मिल रहे हैं.
चेहरे पर सूजन या दर्द शुरुआती लक्षण
डॉ. ग्रोवर का कहना है कि शुरुआती तौर पर मरीज के चेहरे पर हल्की सूजन दिखाई देने लगती है. इसके बाद दांतों में दर्द या चेहरे के अन्य हिस्सों जैसे नाक, सिर आदि में दर्द शुरू होता है तो यह ब्लैक फंगस के लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा हल्का जुकाम या आंखों में सूजन भी इस बीमारी के लक्षण है. ब्लैक फंगस के कारण मरीज की आंखों की रोशनी भी चली जाती है. यहां तक कि कई बार दिमाग में भी संक्रमण फैल जाता है.