जयपुर. राजस्थान में चुनावी माहौल में एक बार फिर बेरोजगारों को लेकर सियासत तेज हो गई है. प्रदेश में बड़ा वोट बैंक बेरोजगारों का है. लिहाजा अब विपक्ष बेरोजगारों के जरिए सत्तापक्ष को घेरने की तैयारी में जुट गया है. यही वजह है कि बीजेपी युवा मोर्चा ने युवा संबल योजना के नाम पर बेरोजगारों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए गहलोत सरकार पर निशाना साधा है.
बेरोजगारों को गुमराह कर रही सरकार
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने कहा कि युवा मोर्चा युवाओं से जुड़े मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सब जानते हैं कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी. इस वर्ष के प्रारंभ में उस वादे को भ्रमित करते हुए युवा संबल योजना राजस्थान सरकार की ओर से लाई गई, लेकिन इस योजना में मात्र 2 लाख बेरोजगारों को ही भत्ता देने का प्रावधान किया गया, जबकि कांग्रेस ने वादा किया था कि वह सभी बेरोजगारों को भत्ता देंगे.
2 लाख का लगाया बैरियर
हिमांशु ने कहा कि बीजेपी युवा मोर्चा ने इससे पहले भी हमने सरकार को आईना दिखाने काम किया है. हमने हाल ही में एक रिपोर्ट तैयार किए जिसमें यह स्पष्ट है कि युवा संबल योजना के तहत मात्र 2 लाख बेरोजगारों को भत्ता देने की बात राजस्थान सरकार कर रही है. जबकि चुनाव घोषणा पत्र में कोंग्रेस ने कहा था कि अगर हम सत्ता में आते हैं तो राजस्थान के सभी बेरोजगारों को भत्ता देंगे, लेकिन उसके बाद जो योजना बनाते हैं उसमें 1 कैप लगा देते हैं. केवल दो लाख बेरोजगारों को ही उसमें लाभ देंगे.
शर्मा ने कहा कि युवा मोर्चा ने सूचना के अधिकार के तहत रिपोर्ट मांगी जिसमें सामने आया कि राजस्थान में सरकार के अनुसार पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 17 लाख 38 हजार 750 है. जबकि वास्तविक बेरोजगारों की संख्या कई गुना ज्यादा है. राजस्थान सरकार सभी युवाओं से धोखा कर बेरोजगारों के अधिकार छीन रही है.