जयपुर. मौजूदा विधानसभा सत्र में जहां सदन के भीतर भाजपा के विधायक सरकार को घेरेंगे तो वही पार्टी कार्यकर्ता सदन के बाहर भी सरकार को घेरने में जुटे हैं. इसी कड़ी में आगामी 17 सितंबर को जयपुर जिले से जुड़े भाजपा कार्यकर्ता और नेता प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जन आक्रोश मार्च के जरिए विधानसभा का घेराव करेंगे. रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में इस घेराव कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर भी बैठक हुई.
जयपुर शहर, देहात उत्तर और दक्षिण के कार्यकर्ता करेंगे घेराव
प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बिजली के बिलों में विभिन्न शुल्कों के जरिए बढ़ोतरी, किसानों से किए सम्पूर्ण कर्जमाफी और बेरोजगारों को भत्ते दिए जाने के अधूरे वादे सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर होने वाले विरोध प्रदर्शन में जयपुर शहर, जयपुर देहात, उत्तर और जयपुर देहात दक्षिण से जुड़े कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि विधानसभा का घेराव करेंगे. यह विरोध प्रदर्शन 17 सितंबर को प्रदेश भाजपा मुख्यालय से रैली के रूप में शुरू होगा और भाजपा कार्यकर्ता और नेता पैदल मार्च करते हुए विधानसभा की ओर कूच करेंगे.
हालांकि इस दौरान जहां पुलिस प्रशासन उन्हें रोक देगा वहां ही ये भाजपा नेता धरना लगाकर बैठ जाएंगे. बताया जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता जुटे इसलिए संबंधित तीनों जिला अध्यक्षों को विधानसभा घेराव में कम से कम 15 हजार लोगों की भीड़ जुटाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
स्थगित हो चुका है किरोड़ी मीणा का विरोध प्रदर्शन
इससे पहले भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा 13 सितंबर को छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा के घेराव का ऐलान कर चुके थे, लेकिन इस बीच प्रदेश सरकार में कोरोना से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी कर दी जिसके चलते किरोड़ी मीणा को अपने विरोध प्रदर्शन को स्थगित करना पड़ा, लेकिन इसी कोरोना गाइडलाइन के बीच अब भाजपा संगठन ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया है और इसमें भीड़ भी जुटाने की कशमकश चल रही है. इसमें बड़ा सवाल यही है कि प्रशासन आखिर इस विरोध प्रदर्शन की अनुमति बीजेपी को कैसे देगा.