जयपुर.आगामी 19 सितंबर से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा सत्र में इस बार विपक्ष के रूप में भाजपा के विधायक 'मौनी बाबा' बने नजर (BJP in Assembly session) आएंगे. सदन में भाजपा विधायक सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरने के लिए न तो ज्यादा सवाल लगा पाएंगे और न ही सवालों के जरिए सरकार को घेर सकेगी. विधानसभा के मौजूदा नियमों के चलते इस बार कुछ ऐसा ही होने वाला है जिससे खुद भाजपा विधायक भी परेशान हैं. सभी विधायकों को सौ सवाल पूछने की इजाजत रहती है लेकिन ज्यादातर MLA के तकरीबन 90 से 95 सवाल पहले ही लगा चुके हैं जिससे सदन में वे बस श्रोता (BJP will remain silent in assembly session) ही बनकर बैठे रहेंगे.
दरअसल रविवार को विधानसभा सचिवालय ने सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया. उससे पहले 28 मार्च की शाम बजट सत्र की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई थी लेकिन सत्रावसन नहीं किया गया था. ऐसे में 19 सितंबर से होने वाले विधनासभा सत्र को 'बजट सत्र' ही माना जाएगा. हालांकि इससे भाजपा विधायक गहलोत सरकार (BJP MLA target Gehlot government) से नाराज हैं. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ नरपत सिंह राजवी और अशोक लाहोटी कहते हैं. सत्र को निरंतर जारी रखने से विधायकों के सवाल पूछने के अधिकारों पर भी असर पड़ रहा है. वह इसलिए क्योंकि बजट सत्र में एक विधायक को तारांकित और अतारांकित सवाल मिलाकर 100 सवाल पूछने की ही इजाजत होती है. क्योंकि सरकार की ओर से बुलाई गई विधानसभा की यह बैठक बजट सत्र ही मानी जाएगी इसके चलते बहुत कम विधायक ऐसे होंगे जिन्होंने बजट सत्र के दौरान 100 प्रश्न पूछने का अपना आंकड़ा न छुआ हुआ.
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नेता प्रतिपक्ष से करेंगे मांग, भाजपा करें विधानसभा सत्र का बहिष्कार- राजवी
वरिष्ठ भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी तो प्रदेश सरकार की इस कवायद से इतने नाराज है कि वो भाजपा द्वारा 19 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने तक की मांग कर रहे हैं. राजवी कहते हैं कि इस संबंध में वे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से बात करके यह मांग रखेंगे. उन्होंने कहा बिना सत्रावसन किए 19 सितंबर से विधानसभा सत्र बुलाया जाना ना केवल विधायकों के अधिकारों का हनन है बल्कि जनता के साथ भी धोखा है क्योंकि विधायक जनता से जुड़ी समस्या और मुद्दे ही सदन में उठाते हैं लेकिन विधायकों का सवाल पूछने का अधिकार भी यदि खत्म हो जाए तो फिर विधानसभा सत्र में रहकर भी वह क्या करेंगे.
भाजपा के अधिकतर विधायकों का प्रश्न पूछने का कोटा पूरा
विधानसभा (Rajasthan Assembly session) से जुड़े नियमों के अनुसार विधायक एक सत्र में 40 तारांकित और 60 अतारांकित सवाल पूछ सकते हैं. बात करें भाजपा की तो राजस्थान में बीजेपी विपक्ष की भूमिका में है और इस नाते प्रतिपक्ष के प्रमुख नेताओं ने मौजूदा सत्र की पूर्व में हुई बैठकों में ही ज्यादातर प्रश्न पूछ लिया है जिससे अधिकतर विधायकों का 100 सवाल पूछने का कोटा या तो पूरा हो गया या कुछ एक सवाल पूछने की ही गुंजाइश बची है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया 88 सवाल पूछ चुके हैं. वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ 95 सवाल, कालीचरण सराफ 97 प्रश्न, वासुदेव देवनानी के भी करीब 90 प्रश्न लग गए हैं. वहीं रामलाल शर्मा 97 प्रश्न पहले ही पूछ चुके है. मतलब साफ है कि सदन में सरकार को घेरने वाले इन भाजपा नेताओं के पास आने वाली बैठकों में सवाल पूछने का कोटा बहुत कम रहेगा जिससे भाजपा विधायक परेशान हैं लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों ने राहत की सांस जरूर ली होगी.