जयपुर. राजस्थान में यूं तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चुनावी मोड पर आ चुकी हैं, लेकिन राजस्थान का सियासी संग्राम नवंबर माह से सड़कों पर देखने को मिलेगा. प्रदेश में गहलोत सरकार के 4 साल का कार्यकाल दिसंबर में पूरा होगा. उससे ठीक पहले (BJP Strategy for Gehlot Government) नवंबर माह से भाजपा ने प्रदेश सरकार और कांग्रेस के खिलाफ सड़कों पर उतर कर मोर्चा खोलने की रणनीति बनाई है. इसी कड़ी में जयपुर सहित कई संभाग मुख्यालयों पर बड़ी सियासी रैलियां भी होंगी.
दरअसल, भाजपा की प्लानिंग है कि जब गहलोत सरकार दिसंबर माह में अपने चौथे साल की वर्षगांठ को चुनावी वर्ष के तहत जोर-शोर से बनाए, उससे पहले बीजेपी प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विपरीत माहौल खड़ा करे. प्रदेश भाजपा कोर कमेटी से जुड़े प्रमुख नेताओं ने इसकी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ की मानें तो नवंबर से हर जिले में पार्टी से जुड़ा छोटे से बड़े स्तर तक के जनप्रतिनिधि और प्रमुख पदाधिकारी (BJP Mission 2023) इस काम का जिम्मा संभालेंगे. वहीं, पार्टी के केंद्र से जुड़े आला नेता भी इस दौरान इन बड़े कार्यक्रमों में शामिल होंगे.
राजस्थान संभाग मुख्यालयों में बड़ी सियासी रैली की प्लानिंग : प्रदेश भाजपा नेता नवंबर और दिसंबर माह में जयपुर सहित सभी संभाग मुख्यालयों में बड़ी सियासी रैली और सभा करना चाहते हैं. खासतौर पर जयपुर में होने वाली प्रस्तावित सभा में लाखों कार्यकर्ताओं को जुटाने की तैयारी है. प्रदेश भाजपा इकाई चाहती है कि संभाग मुख्यालयों में होने वाली बड़ी सियासी सभा और रैलियों में केंद्र से जुड़े बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री शिरकत करें, ताकि चुनावी वर्ष का आगाज पूरी तरह भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं में उत्साह और जोश भरने वाला हो. माना जा रहा है कि नवंबर और दिसंबर माह में फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई बड़े नेताओं का दौरा राजस्थान में बन सकता है.