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BJP Flop Stategy: बार-बार फेल होती भाजपा की रणनीति...इन बड़ी घटनाओं में रणनीतिकारों ने खाई मात - etv bharat Rajasthan news

भाजपा के दिग्गज नेताओं की रणनीति राज्यसभा चुनाव में फेल (BJP strategy fails again and again in Rajasthan) हो गई जिससे पार्टी की काफी किरकिरी हुई है. भाजपा विधायक शोभारानी ने क्रॉस वोटिंग कर नेताओं की रणनीति ध्वस्त कर दी. खास बात ये है कि इससे पहले भी कई बार राजस्थान बीजेपी की रणनीति तमाम मोर्चे पर फेल हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

BJP Flop Stategy
राजस्थान में फ्लॉप भाजपा की रणनीति

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Published : Jun 11, 2022, 6:23 PM IST

जयपुर.राजस्थान राज्य सभा चुनाव में भाजपा विधायक की क्रॉस वोटिंग के चलते पार्टी की काफी फजीहत हुई है. भाजपा की बाड़ेबंदी और पूर्व में तय की गई रणनीति भी धरी की धरी रह गई. हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब राजस्थान भाजपा के रणनीतिकारों (BJP strategy fails again and again in Rajasthan) की इस तरह किरकिरी हुई हो. पिछले कुछ वर्षों में ऐसी कई बड़ी घटनाएं हुईं जब भाजपा की सियासी रणनीति पर अपनों ने ही पानी फेर दिया. खास बात ये भी है कि तब भी प्रदेश भाजपा की रणनीतिकार वही थे जो आज हैं.

इन घटनाओं में राजस्थान भाजपा की हुई फजीहत
अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति हुई थी फेल: अगस्त 2020 में जब प्रदेश की गहलोत सरकार पर सियासी संकट चल रहा था. तब भाजपा ने यह निर्णय लिया था कि विधानसभा में गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर आएंगे ताकि सरकार गिर जाए. इसके लिए बकायदा रणनीति भी बनी और होटल क्राउन प्लाजा में भाजपा के विधायकों की बाड़ाबंदी हुई. हालांकि विधानसभा में जब अविश्वास प्रस्ताव लाने का समय आया उससे पहले ही सत्तारूढ़ दल ने विश्वास मत रख दिया लेकिन उस दौरान सदन में भाजपा के चार विधायक गायब थे. उनके फोन नंबर भी बंद थे. यह स्थिति तब थी जब पार्टी ने बकायदा सभी विधायकों को उस दिन सदन में मौजूद रहने की व्हिप जारी की थी.

2020 में इन चार विधायकों ने पलटी थी बाजी

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विधायकों ने यह कारनामा सत्तारूढ़ दल कांग्रेस को फायदा पहुंचाने के लिए किया या फिर ये पार्टी के भीतर चल रही आंतरिक कलह का नतीजा था लेकिन इससे पार्टी की खूब फजीहत हुई थी. सदन से नदारद रहने वाले इन विधायकों में गौतम मीणा, कैलाश मीणा, हरेंद्र निनामा और गोपीचंद मीणा के नाम शामिल हैं. तभी पार्टी के रणनीतिकारों में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ ही शामिल थे.

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पिछले राज्यसभा चुनाव में एक बीजेपी विधायक का वोट हुआ था खारिज
राजस्थान में जून 2020 में भी राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव हुआ था जिसमें जीत के लिए प्रत्येक प्रत्याशी को प्रथम वरीयता के 51 वोट चाहिए थे. बीजेपी के पास तब एक सीट पर जीत के लिए पर्याप्त विधायक थे लेकिन बचे हुए अतिरिक्त वोट और अन्य निर्दलीयों में सेंधमारी का दावा करते हुए भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं का सिंह लखावत को भी दूसरे प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतार दिया. तब भी भाजपा को मुंह की खाना पड़ी थी केवल एक प्रत्याशी राजेंद्र गहलोत ही जीते जिन्हें प्रथम वरीयता के सारे वोट दिए गए. जबकि दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत को हार का मुंह देखना पड़ा था. तब भाजपा के एक विधायक का वोट खारिज भी हो गया था. मतलब भाजपा को ही अपने सभी विधायकों के वोट पूरे नहीं मिल पाए थे. और पार्टी को फजीहत झेलना पड़ी थी. तब भी पार्टी के यही नेता रणनीतिकार थे जो आज हैं.

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जयपुर निगम महापौर उपचुनाव में बहुमत के बाद भी हुई थी हार
जनवरी 2019 में डॉ. अशोक लाहोटी के विधायक बनने के बाद खाली हुई जयपुर नगर निगम महापौर की सीट पर उपचुनाव हुए लेकिन बीजेपी पार्षदों का पर्याप्त बहुमत और बोर्ड होने के बावजूद प्रत्याशी मनोज भारद्वाज 1 वोट से चुनाव हार गए. बीजेपी के ही बागी विष्णु लाटा चुनाव जीत गए. जयपुर नगर निगम महापौर के उपचुनाव के लिए कुल 90 मत डाले गए थे जिसमें से भाजपा से बगावत कर मैदान में उतरे विष्णु लाटा को 45 और भाजपा प्रत्याशी मनोज भारद्वाज को 44 मत मिले थे.

एक मत खारिज हो गया था. यह स्थिति तब थी जब निगम में भाजपा के 63 पार्षद थे लेकिन कई पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा के बागी विष्णु लाटा को महापौर बना दिया. खास बात यह है कि इस महापौर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने तब डॉ. सतीश पूनिया को ही प्रभारी के तौर पर जिम्मा दिया था लेकिन उनकी रणनीति काम नहीं आई और बोर्ड होने के बाद भी पार्टी की हार से फजीहत हुई थी.

शोभारानी की क्रॉस वोटिंग

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राज्यसभा चुनाव में विधायक कुशवाह की क्रॉस वोटिंग ने फेल की रणनीति
इस बार राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की जमकर फजीहत हुई. प्रशिक्षण के नाम पर भाजपा ने अपने विधायकों की बाड़ाबंदी की लेकिन जब वोट डाले गए तो धौलपुर से बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाह ने क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवाड़ी को वोट डाल दिया. शोभा रानी धौलपुर से आती हैं. शोभा रानी के पति बीएल कुशवाह कई मुकदमों और मामलों में जेल में बंद है. बताया जा रहा है कि साल 2013 विधानसभा में कुशवाह को भाजपा से टिकट दिलवा कर चुनाव लड़ाने में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का अहम योगदान रहा था लेकिन दो बार की भाजपा विधायक पार्टी के खिलाफ ही क्रॉस वोटिंग की और प्रदेश भाजपा के मौजूदा सियासी रणनीतिकारों की रणनीति पर पानी फेर दिया.

यह वो घटनाक्रम थे जिनमें राजस्थान भाजपा नेताओं की सियासी रणनीति फेल साबित हुई और पार्टी की लगातार फजीहत हुई. अब बीजेपी राजस्थान में चुनावी मोड पर है और मिशन 2023 पर काम कर रही है. ऐसे में यदि समय रहते भाजपा ने अपनी कमियों को दूर कर सब कुछ सही नहीं किया तो बीजेपी के मिशन 2023 की राह उतनी आसान नहीं मानी जाएगी जितनी समझी जा रही है.

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