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आजादी के मतवालों का बलिदान अविस्‍मरणीय, इनके बलिदान को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का मार्ग करें प्रशस्‍त- पूनिया - BJP state president addressed Amrit Mahotsav campaign

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने हरियाणा केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के 'आजादी का अमृत महोत्‍सव' अभियान के विशेषज्ञ व्‍याख्‍यान को वर्चुअल संबोधित किया. इस दौरान आजादी के मतवालों का बलिदान अविस्‍मरणीय है.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने अमृत महोत्‍सव अभियान में किया संबोधित, BJP state president addressed Amrit Mahotsav campaign
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने अमृत महोत्‍सव अभियान में किया संबोधित

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Published : May 19, 2021, 6:56 AM IST

जयपुर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ के आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत आयोजित विशेषज्ञ व्याख्यान को वर्चुअल संबोधित किया. व्‍याख्‍यान को वर्चुअली संबोधित करते हुए भाजपा राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि आजादी के मतवालों का बलिदान अविस्‍मरणीय है और यह हमारा कर्त्‍तव्‍य है कि हम ना सिर्फ आजादी की आंदोलन में अपना सर्वस्‍व न्‍यौछावर करने वाले अमर शहीदों को याद रखें, बल्कि उन्हें इतिहास में उचित स्‍थान प्रदान कर उनके त्‍याग, बलिदान को आने वाली पीढियों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्‍त करें.

इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ सहित आमंत्रित विशेषज्ञ वक्‍ता गौतमबुद्ध विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के प्रो. श्रीप्रकाश सिंह और जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय के प्रो. अश्‍वनी महापात्रा ने संबोधित किया.

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विश्‍वविद्यालय में इस कार्यक्रम का आयोजन का आयोजन दिव्‍यांगजन प्रकोष्‍ठ, प्रबंधन अध्‍ययन विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना और यूथ रेड क्रास के साझा प्रयासों से किया गया. कार्यक्रम की शुरूआत विश्‍वविद्यालय के कुलगीत से हुई और इसके पश्‍चात दिव्‍यांग प्रकोष्‍ठ की संयोजक और आजादी का अमृत महोत्‍सव की नोडल ऑफिसर प्रो. सारिका शर्मा ने कार्यक्रम की संक्षिप्‍त रूपरेखा और उद्देश्य पर प्रकाश डाला.

कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि राजस्‍थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने अपने संबोधन में कोरोनाकाल में सामाजिक सहयोग की अपील के साथ प्रदेश स्‍तर पर पार्टी की ओर से सेवा ही संगठन के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद को लेकर किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया और बताया कि किस तरह से संगठन हेल्‍पलाइन के माध्‍यम से जरूरतमंदों तक हरसंभव मदद लेकर पहुंच रहा है.

उन्‍होंने आजादी के अमृत महोत्‍सव के विषय में कहा कि मैं आशावादी हूं, स्‍वतंत्रता सेनानी और किसान परिवार से हूं और मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं राष्ट्रवादी हूं, देश के प्रति अनुराग व प्रेम रखता हूं. उन्‍होंने कहा कि भारत वो स्वाभिमानी और सनातन परंपरा का देश है. जिसके प्रति समूचे विश्‍व की दृष्टि स्‍वामी विवेकानंद ने शिकागों में दिए अपने भाषण से दुनिया के सामने रखी.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत जल्द ही कोविड वैश्विक महामारी को हराकर विजयी होगा

सतीश पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्‍लेख करते हुए कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चुनौतियों से लड़ने वाला देश है और इस बार भी दुनिया देखेगी कि जल्द ही कोविड वैश्विक महामारी को हराकर भारत विजयी होगा. डॉ. पूनिया ने कहा कि आजादी का महत्‍व पिंजरे से मुक्‍त हुए पंछी से पूछो आपके समक्ष वो भले ही कुछ बोल ना सके, लेकिन उसकी आवाज और व्‍यवहार से उसकी खुशी स्‍पष्‍ट हो जाती है.

उन्‍होंने कहा कि भारत नौजवानों का देश है और मैं कल्‍पना कर सकता हूं कि भारत अपनी इसी युवा शक्ति के सहारे एक बार फिर से विश्‍वशक्ति और विश्‍वगुरु बनेगा. उन्‍होंने इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ और अन्‍य विशेषज्ञों का भी आभार व्‍यक्‍त किया और उनके शिक्षा के क्षेत्र में प्रो. कुहाड़ के योगदान को सराहा.

प्रो. आरसी कुहाड़ ने अपने संबोधन में मुख्‍य अतिथि डॉ. सतीश पूनिया और आमंत्रित वक्‍ताओं का आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि आजादी अनमोल है और तुलसीदास की लिखी पंक्तियों के माध्‍यम से उन्‍होंने कहा कि आजादी का मतलब वही जान सकता है, जो पराधीन रहा हो. कुलपति ने स्‍वामी रामकृष्‍ण परमहंस, महात्‍मा गांधी, स्‍वामी विवेकानंद, भगत सिंह, सरदार वल्‍लभ भाई पटेल, लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों का उल्‍लेख करते हुए कहा कि ये वही लोग थे, जिनके त्‍याग, बलिदान के बूते हमें 15 अगस्‍त, 1947 का पावन दिन प्राप्‍त हुआ.

कुलपति ने इस अवसर पर आजादी शब्‍द का भी अर्थ प्रस्‍तुत किया. उन्‍होंने कहा कि आ से अर्थ आत्‍म गौरव, आत्‍मनिर्भरता की भावना और आजादी के सेनानियों से प्रेरणा है, इसी तरह जा से जीवंतता का अहसास है, द से अभिप्राय दायित्‍व का बोध है और ई से अर्थ ईश्‍वर के प्रति आस्‍था है. कुलपति ने आयोजन में कोरोनाकाल में विश्‍वविद्यालय के द्वारा जारी विभिन्‍न प्रयासों की भी जानकारी दी.

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प्रो. भगवती प्रकाश ने कोरोना काल में अंतरराष्‍टीय मंच पर वैक्‍सीन के मामले में भारत को मिली सफलता का उल्‍लेख करते हुए कहा कि आज जरूरत है कि देश का जनमानस एक मन और मस्तिष्‍क वाला बनकर आगे बढ़े. उन्‍होंने इस अवसर आजाद हिन्‍द फौज के साथ इतिहास के मोर्चे पर हुए अन्‍याय का भी उल्‍लेख किया और सुधार की आवश्‍यकता पर जोर दिया.

इस अवसर प्रो. भगवती प्रकाश ने आत्‍मनिर्भर भारत और राष्‍टीय शिक्षा नीति का भी उल्‍लेख करते हुए इसे नए भारत के निर्माण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आरंभ करना महत्‍वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय है. उन्‍होंने इस अवसर पर भारत को खाद्य महाशक्ति बनाने की परिकल्‍पना भी प्रस्‍तुत की.

प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने अपने संबोधन में इतिहास लेखन में आजादी और आजादी की लड़ाई में योगदान देने वालों के योगदान के वर्णन में हुई कमियों का उल्‍लेख किया. उन्‍होंने कहा कि अकेले हरियाणा से ही अनगिनत स्‍वतंत्रता सेनानियों ने स्‍वाधीनता संग्राम में योगदान दिया, लेकिन उनका उल्‍लेख कहीं नहीं मिलता है.

उन्‍होंने चंद्रशेखर आजाद के जीवन से जुड़े प्रसंगों के माध्‍यम से उनके त्‍याग और बलिदान पर भी प्रकाश डाला. जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय के प्रो. अश्‍वनी महापात्रा ने भी इतिहास लेखन के मोर्चे पर हुई खामियों का उल्‍लेख करते हुए सुधार और युवा पीढ़ी को सही तथ्‍यों से अवगत कराने की दिशा में ठोस कदम उठाने पर जोर दिया. उन्‍होंने आजादी की लड़ाई में स्‍थानीय स्‍तर पर योगदान देने वालों कहानियों को जन जन तक पहुंचाने को आवश्‍यक बताया. उन्‍होंने कहा कि हम अपने परिश्रम के बूते इतिहास में सुधार करें, उसे समझें और फिर देश के विकास में योगदान दें.

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कार्यक्रम के आयोजन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रबंधन अध्‍ययन विभाग के विभागाध्‍यक्ष डॉ. आनंद शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में विभिन्न माध्‍यमों से दो हजार से अधिक हरियाणा केंद्रीय विश्‍वविद्यालय, अन्‍य शिक्षण संस्‍थानों और संगठनों के प्रतिभागी शिक्षक, विद्यार्थी, शोधार्थियों, शिक्षणेत्‍तर कर्मचारी इत्यादि जुड़े। कार्यक्रम के अंत में छात्र कल्‍याण अधिष्ठाता प्रो. दिनेश कुमार गुप्‍ता ने धन्‍यवाद ज्ञापन प्रस्‍तुत किया.

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