जयपुर. प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव के शोरगुल के बीच अब प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी का एक ट्वीट विवादों में आ गया है. भाटी ने अपने टि्वटर हैंडल और फेसबुक पेज के जरिए सभी छात्रों से एनएसयूआई के पैनल को जिताने का आह्वान किया है जिस पर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने भाटी से इस्तीफा मांग लिया.
विवादित ट्वीट पर सियासी बवाल उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी किया जिसके जरिए भाटी 27 अगस्त को होने वाले छात्रसंघ चुनाव में सभी छात्रों से एनएसयूआई के पैनल को जिताने की अपील कर रहे हैं. टि्वटर हैंडल के जरिए भी भाटी ने रविवार को यह ट्वीट जारी किया ही था कि कुछ ही देर बाद भाजपा के नेताओं ने इसके विरोध में सोशल मीडिया पर ही जंग छेड़ दी. अजमेर से आने वाले पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने एक ट्वीट कर भवर सिंह भाटी की इस अपील निंदा की और मंत्री पद पर रहते हुए इस प्रकार की अपील करने के लिए उन्होंने भाटी से इस्तीफे तक मांग कर डाली.
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देवनानी ने अपनी ट्वीट में लिखा कि उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस समर्थित संगठन के पक्ष में मतदान की अपील करना एक मंत्री के रूप में ली गई संविधान की शपथ और राज्यमंत्री के रूप में उनकी निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है जो निंदनीय है. वहीं बीजेपी मीडिया विभाग के प्रदेश सह प्रमुख नीरज जैन ने भी ट्वीट के जरिए मंत्री भवर सिंह भाटी पर जुबानी हमला बोल दिया. जैन ने लिखा शिक्षा मंत्री द्वारा कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई के पक्ष में प्रचार करने से चुनाव निष्पक्ष हो इसकी संभावना नजर नहीं आती. क्योंकि मंत्री भी कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम करके छात्र संघ चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं.
दरअसल, एनएसयूआई कांग्रेस के ही छात्रों से जुड़ा अग्रिम संगठन माना जाता है क्योंकि एनएसयूआई की विचारधारा भी कांग्रेस से जुड़ी है. वहीं एबीवीपी को भाजपा से जुड़ा वैचारिक छात्र संगठन माना जाता है. यही कारण है कि उच्च शिक्षा मंत्री ने बतौर कांग्रेस नेता होने के कारण एनएसयूआई के समर्थन में अपील कर दी लेकिन भाटी भूल गए कि वे उस विभाग के मंत्री भी है, जिस विभाग के अधीन आने वाले कॉलेज और विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव होने हैं और इसे ही भाजपा ने मुद्दा बना लिया.