जयपुर.प्रदेश में बढ़ते अपराधियों को लेकर एक बार फिर विपक्ष के रूप में भाजपा ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोल दिया है. इसके लिए पूर्व गृह मंत्री और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को पार्टी ने आगे किया गया. कटारिया ने आरोप लगाया की गहलोत सरकार के 7 माह के कार्यकाल में 85 से 86 फ़ीसदी अपराध के आंकड़े बढ़े हैं.
राजस्थान भाजपा ने बढ़ते अपराध पर जारी की अपराध टाइम्स पत्रिका प्रेस वार्ता में गिनाए अपराध के आंकड़े-
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए प्रदेश सरकार को हर मोर्चे में विफल करार दिया. कटारिया ने प्रदेश में बढ़ते अपराध के ग्राफ पर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. कटारिया ने कहा पिछले 7 माह में राजस्थान में 85 प्रतिशत अपराध बढ़े हैं. कटारिया ने इसे वर्गीकृत कर पिछली वसुंधरा राजे सरकार से इसकी तुलना भी की.
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कटारिया के अनुसार केवल जुलाई माह की तुलना पिछले सरकार के एक माह से करें तो इस सरकार में अपराधों का ग्राफ 53 प्रतिशत बढ़ा है वहीं 7 माह में 32% आईपीसी के अपराध बढ़े हैं. कटारिया के अनुसार महिला अपराध में तो आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई माह की तुलना ही पिछली सरकार के अंतिम कार्यकाल के जुलाई से करें तो इस सरकार में 86 फ़ीसदी महिला अपराध बढ़ा है. वही अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचार के मामले में 100 फ़ीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है.
जयपुर में 2 माह में 7 सांप्रदायिक घटनाएं
इस दौरान गुलाबचंद कटारिया ने कहा की अकेले जयपुर में पिछले 2 महीने में सांप्रदायिक तनाव की 7 घटनाएं हुई. वही प्रदेश की बात की जाए तो ऐसी कई घटनाएं हैं जो सीधे तौर पर पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बावजूद इसके गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौन है. कटारिया ने गहलोत को सलाह दी कि वे गृह विभाग की मीटिंग के लिए अलग से एक सहयोगी को रख ले ताकि मौजूदा हालातों में सुधार हो सके.
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भाजपा आईटी सैल ने जारी किया राजस्थान अपराध टाइम्स-
अपराधों के मामले में भाजपा केवल आरोप लगाने तक ही सीमित नहीं रही बल्कि अब पार्टी के आईटी सेल ने बड़े अपराधों को संकलित करते हुए राजस्थान में अपराध टाइम्स नामक पत्रिका भी जारी कर दी. इसमें विभिन्न अखबारों में छपी अपराध से जुड़ी खबरें को शामिल किया गया है. मकसद साफ है कि बढ़ते अपराध के मामले में भाजपा प्रदेश सरकार पर सियासी दबाव बनाए इसका लाभ आगामी निकाय चुनाव में विपक्ष में बैठी भाजपा को मिल पाए.