जयपुर.राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को भाजपा विधायक और सांसदों के अलावा राजस्थान में निर्दलीय व आदिवासी क्षेत्र आने वाले अन्य विधायकों का भी समर्थन मिले, इस दिशा में बीजेपी ने प्रयास तेज कर दिए हैं. कांग्रेस राज्यसभा चुनाव की तरह इन चुनाव में भी अपने और समर्थित सभी 126 विधायकों के वोट यशवंत सिन्हा को मिलने का दावा कर रही (Congress claims in voting for President election) है. जबकि बीजेपी इसमें सेंध लगाने का संकेत दे रही है.
प्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने दिए ये संकेत: प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि इन चुनावों में अंतरात्मा की आवाज पर कई निर्दलीय और आदिवासी समाज से आने वाले विधायक एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट और समर्थन देंगे. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राठौड़ ने कहा कि हमने मुर्मू के समर्थन के लिए अन्य राजनीतिक दल और आदिवासी समाज के विधायक और जनप्रतिनिधियों से भी अपील की है और संपर्क भी कर रहे हैं. राठौड़ के अनुसार राष्ट्रपति का चुनाव राज्यसभा चुनाव से अलग होता है और पहली बार एनडीए ने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के पद पर प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में जो विधायक और राजनीतिक दल आदिवासी समाज के हितेषी हैं, वे पार्टी लाइन से अलग हटकर मुर्मू को अपना समर्थन और वोट देंगे.
डोटासरा के 126 से अधिक वोटों के दावे को राठौड़ ने किया खारिज: विपक्षी दलों की ओर से बनाए गए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा सोमवार को जयपुर में थे. इस दौरान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया था कि हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव की तरह राष्ट्रपति के चुनाव में भी 126 से अधिक विधायकों का वोट हमारे प्रत्याशी को मिलेगा. राठौड़ ने डोटासरा के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और यह भी संकेत दे दिए कि चुनाव में व्हिप की बाध्यता नहीं होने के चलते कुछ विधायक अंतरात्मा की आवाज पर पार्टी लाइन से अलग हटकर वोट देंगे. राठौड़ के संकेत इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सोमवार को यशवंत सिन्हा के समर्थन में हुए कांग्रेस के कार्यक्रम में अधिकतर निर्दलीय और बीटीपी से जुड़े विधायक गैरहाजिर थे.