जयपुर. सीएम गहलोत के केंद्र की मोदी सरकार पर दिए गए बयानों को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने तीखा हमला किया है. पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत कुर्सी जाने के भय से ग्रसित हैं. उनकी पार्टी में ही उनका बड़ा विरोध है और शासक के तौर पर वह पूरे तरीके से विफल साबित हुए हैं.
पूनिया ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर झूठे और तथ्यहीन आरोप लगाकर मुख्यमंत्री लगातार अपनी हताशा प्रकट करते हैं और जनता तथा कांग्रेस पार्टी के भीतर सहानुभूति बटोरने की कोशिश करते हैं. कांग्रेस सरकार नैतिक रूप से कमजोर है, जो आपसी झगड़े से खुद ही एक दिन गिर जाएगी. क्या 50 वर्षों तक राज करके कांग्रेस ने देश में रामराज्य स्थापित कर दिया था ? बेहतर होगा कि गहलोत राजस्थान की जनता के साथ न्याय करें और सम्पूर्ण किसान कर्जा माफी, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जनता को भरोसा दिलाएं और वादे पूरे करें.
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सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश में डेंगू की रोकथाम के लिए राज्य सरकार को गंभीरता से कार्य कर चिकित्सा-व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है. सबको पता है कि एक समय कांग्रेस देश में महंगाई और भ्रष्टाचार की पर्याय बन गई थी. कांग्रेस सरकार अंतर्कलह की शिकार है, जिसका असर राजस्थान की जनता पर पड़ रहा है, जिससे विकास कार्य अवरुद्ध पड़े हैं. गहलोत सरकार की तानाशाही कार्यशैली से नाराज इनके कई विधायक खुद की ही सरकार के खिलाफ कभी धरने पर बैठते हैं, तो कभी भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं. पूनिया ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं.
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एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान दुष्कर्म के मामलों पर शीर्ष पर है, साथ ही लूट, हत्या, डकैती, मॉब लिंचिंग इत्यादि अपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाय गहलोत बयानबाजी कर जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं. राज्य में ज्यादातार परीक्षाओं के पेपर लीक (Paper LeaK) होने व भर्ती प्रक्रियायें पूरी नहीं होने से युवा निराश और आक्रोशित है. सरकार की युवा विरोधी कार्यशैली से प्रदेश में बेरोजगारी दर बढ़कर 26 प्रतिशत से अधिक है.