जयपुर. प्रदेश भाजपा में चल रही सियासी उठापटक के बीच उन बयानवीरों को फिलहाल भुला दिया गया है, जिनके बयानों पर पिछले दिनों पार्टी के भीतर बवाल मचा था. तब प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने ऐसे नेताओं की सूची, प्रदेश संगठन से कार्रवाई करने के लिए मांगी थी. हालांकि, प्रदेश प्रभारी के निर्देश के बाद एकमात्र कार्रवाई पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को नोटिस जारी कर हुई, जबकि अन्य बयानवीरों को पार्टी ने फिलहाल भुला रखा है.
इन राजे समर्थकों के बयान पर बीजेपे में मचा था बवाल
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों ने कुछ ऐसे बयान दिए थे, जिससे राजस्थान भाजपा की सियासत में भूचाल आ गया था. खासतौर पर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली और छबड़ा से वर्तमान विधायक प्रताप सिंह सिंघवी अपने बयानों से लगातार प्रदेश संगठन के कामकाज पर सवाल उठाए थे, तो साथ ही वसुंधरा राजे को राजस्थान की सर्वमान्य नेता बताया था.
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जब प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह राजस्थान आए तो उन्हें भी इसकी जानकारी मिली और साफ शब्दों में ऐसे बयानवीर नेताओं को उन्होंने हिदायत भी दी कि वह समझ जाएं और प्रदेश नेतृत्व को इन नेताओं की सूची बनाकर देने के निर्देश दे, ताकि इन पर कार्रवाई का डंडा चल सके. तब प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा ने पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को नोटिस जारी कर 15 दिन पूर्व में दिए गए उनके बयानों को लेकर जवाब मांगा.