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वीसीआर राशि को समझौता समिति में लेने की बजाए इसे भरवाना ही बंद क्यों नहीं कर देती सरकार: रामलाल शर्मा

राजस्थान में सरकार ने वीसीआर की राशि को समझौता समितियों में लेने और राशि कम करने की पहल की है. वहीं, भाजपा प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा का कहना है कि सरकार को वीसीआर की राशि को समझौता समिति में लेने की बजाए इसे भरवाना ही बंद कर देना चाहिए है. साथ ही उन्होंने कहा कि ये सरकार किसानों को बेवकूफ बनाने और वीसीआर भरवाकर अपने खजाने में पैसा जुटाने का काम कर रही है, जो कि अनैतिक और गलत है.

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वीसीआर राशि को लेकर भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने दिया बयान

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Published : Sep 17, 2020, 6:08 PM IST

जयपुर.प्रदेश में किसानों और आम जनता से भरवाए जा रहे वीसीआर का विरोध हो रहा रहा है. इसके बाद सरकार में इस राशि को समझौता समितियों में लेने और राशि कम करने की पहल तो की गई. लेकिन, भाजपा ने इस पर भी आपत्ति जताई है. भाजपा प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि सरकार को वीसीआर की राशि समझौता समिति में लेने के बजाए किसानों और आम जनता से भरवाना ही बंद कर देना चाहिए. इससे बिजली की वीसीआर राशि को समझौता समिति में लेने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.

वीसीआर राशि को लेकर भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने दिया बयान

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विधायक रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर ये भी कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने किसानों को 833 रुपये की सब्सिडी दी थी, जिसे मौजूदा प्रदेश सरकार ने बंद कर दी थी. लेकिन, अब तक भाजपा की मांग पर उसे वापस शुरू नहीं किया गया है, जिससे किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि ये सरकार किसानों को बेवकूफ बनाने और वीसीआर भरवाकर अपने खजाने में पैसा जुटाने का काम कर रही है, जो कि अनैतिक और गलत है.

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विधायक रामलाल शर्मा ने प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए ये भी कहा कि प्रदेश सरकार किसानों का भला चाहती ही नहीं है, अगर चाहती तो कोरोना काल में किसानों के वीसीआर नहीं भरे जाते और सरकार ने किसानों के जख्मों को भरने जगह कुरेदने का काम किया है. जिन किसान के वीसीआर भरे गए हैं, उसकी राशि अगर समझौता समिति में आएगी तो किसानों को अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ेंगे. सरकार की मंशा किसानों को राहत पहुंचाने की ही है तो वीसीआर भरवाना ही बंद कर देना चाहिए.

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