जयपुर.राजनीति में सब कुछ जायज है, बस जनता को लगना चाहिए कि उनके जनप्रतिनिधि उनके लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. फिर चाहे इसके लिए अपनी ही महापौर और शहरी सरकार के खिलाफ मोर्चा क्यों न खोलना पड़े. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने भी मंगलवार को मालवीय नगर में सीवरेज की समस्या को लेकर धरना दिया. नगर निगम ग्रेटर में भाजपा का बोर्ड और कार्यवाहक महापौर होने के बावजूद दिए गए इस धरने में जनप्रतिनिधियों का रोष कम और राजनीति चमकाने की कवायद ज्यादा नजर आ रही थी.
जंगल में मोर नाचा किसने देखा, इसलिए दिया धरना: सराफ
कालीचरण सराफ का आरोप था कि मालवीय नगर क्षेत्र के वार्डों में सीवरेज की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है और नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. इसके चलते अपनी ही महापौर को जानकारी देने के बाद सुबह वे धरने पर बैठ गए. कुछ ही देर में कार्यवाहक महापौर शील धाभाई अधिकारियों के साथ धरना स्थल पहुंची और 3 दिन में समस्या का समाधान करवाने की बात कह कर धरना समाप्त करवा दिया.
हालांकि, कार्यवाहक महापौर भाजपा की ही थी. लिहाजा धरना देने के बजाय फोन पर समस्या की जानकारी देकर भी इसका समाधान विधायक करवा सकते थे. यही सवाल ईटीवी भारत ने विधायक कालीचरण सराफ से भी पूछा, लेकिन इस पर उनका जवाब भी राजनीतिक ही था. सराफ ने बेबाक तरीके से कह दिया कि धरना नहीं देता तो फिर पता कैसे चलता. साथ ही यह कहावत भी कही कि 'जंगल में मोर नाचा किसने देखा'. मतलब साफ है कि धरना में जनाक्रोश कम और राजनीतिक चमकाने की कवायद ज्यादा थी.
वहीं, विधायक कालीचरण सराफ ने माना कि कार्यवाहक महापौर बढ़िया काम कर रही है और नगर निगम के अधिकारी भी उनकी सुनते हैं. हालांकि, जब कालीचरण सराफ से पूछा गया कि आपको फिर धरना देने की जरूरत क्या आ गई तब उन्होंने जंगल में मोर नाचा किसने देखा की कहावत कही. सराफ ने यह भी कहा कि यदि कार्यवाहक महापौर की नहीं चलती तो उनके साथ अधिकारियों का लवाजमा धरना स्थल पर कैसे आता.