जयपुर.भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों और बढ़ती मौतों के मामले में राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के पास ब्लैक फंगस मरीजों के सही आंकड़े तक नहीं हैं, जरूरी दवाओं की कालाबाजारी हो रही है, जीवन रक्षक इंजेक्शन बाजार से गायब हैं, इससे कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है, लेकिन राज्य सरकार कोई प्रभावी कदम उठाने में नाकाम साबित हो रही है.
सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना संकट के बीच आंखों की रोशनी छीनने वाली जानलेवा ब्लैक फंगस यानि म्योकोर माइकोसिस बीमारी विकराल रूप लेती जा रही है. हालात यह हैं कि एसएमएस हॉस्पिटल में शुरू 25 बेड्स की यूनिट 2 दिन में ही भर गई. सबसे ज्यादा मरीज जयपुर जिले से ही आ रहे हैं. इलाज में काम आने वाले जीवन रक्षक लाईपोसोमल एम्पोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है, बाजार से गायब हो चुके हैं. दवा कम्पनियों ने 70 फीसदी तक कीमतें बढ़ा दी हैं, लेकिन राज्य का ड्रग डिपार्टमेंट आंखे बंद करके बैठा है. पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन की और अब एंटी फंगल इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है.
कालीचरण सराफ ने कहा कि सोमवार को राज्य सरकार ने दावा किया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के 100 मामले हैं, जबकि मीडिया की जमीनी रिपोर्टस के मुताबिक प्रदेश में ब्लैक फंगस के 200 से ज्यादा मरीज हैं. अगर सरकार के पास मरीजों का सही आंकड़ा ही नहीं होगा तो उनके इलाज और बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता कैसे तय होगी?