जयपुर. राजस्थान में जिला परिषद और पंचायती राज चुनाव के परिणामों को कांग्रेस के लिए काफी निराशाजनक कहा जा रहा है. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के परिणामों को लेकर बीजेपी ने अपने हाईकमान के आदेश पर किसान आंदोलन को फीका करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झूठ फैलाया. जबकि हकीकत यह है कि 21 जिलों की 222 पंचायत समितियों में हुए चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा वोट मिले हैं.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान कोरोना महामारी की रोकथाम पर था. इसलिए कांग्रेस ने प्रदेश और केंद्रीय स्तर के नेताओं को इन चुनावों में प्रचार करने के लिए नहीं भेजा ताकि भीड़ इकट्ठा नहीं हो और महामारी का फैलाव रुक सके. जबकि भाजपा ने केंद्रीय मंत्री तक को इन चुनाव में प्रचार के लिए उतार दिए.
'भाजपा नेताओं ने आमजन के जीवन को खतरे में डाला'
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और अर्जुन मेघवाल के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत कई नेताओं ने चुनाव प्रचार में कोरोना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई. भाजपा नेताओं ने अपनी राजनीति के लिए आमजन के जीवन को खतरे में डाला. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो विधायक कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि कोरोना संक्रमण को गंभीरता से लिया जाए.
'भाजपा नेताओं के लिए राजनीति जरूरी थी'
गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने कोरोना संक्रमण का ध्यान नहीं रखा. चुनाव में जीत के लिए भाजपा नेताओं ने आमजन के सामने कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने का उदाहरण रखा है. जहां राजस्थान में हमारा पूरा ध्यान जीवन और आजीविका बचाने पर था, तो भाजपा नेताओं के लिए राजनीति जरूरी थी.
'भाजपा चुनाव जीतने के लिए आमजन के जीवन से समझौता कर सकती है'
हैदराबाद के नगर निगम चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जाकर कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया. उन्होंने कहा कि इससे भाजपा की सोच सामने आ गई है कि चुनाव जीतने के लिए आमजन के जीवन से भी समझौता कर सकती है.