जयपुर.बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के निर्णय का पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने ट्विटर पर इस निर्णय को लेकर अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की.
वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर लिखा कि 'सत्य के प्रतिबिंब बाबरी प्रकरण में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित 32 लोगों को बरी करने के निर्णय का मैं हृदय से स्वागत करती हूं.
धर्म, आस्था, सत्य और न्याय की जीतः पूनिया
वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी ट्वीट के जरिए लिखा कि 'अयोध्या में श्रीराम लला के भव्य मंदिर पर बने अतिक्रमित ढांचे के ध्वंस के मामले में वरिष्ठ संतों और राजनेताओं को आज न्यायालय की ओर से बरी किया जाना धर्म, आस्था, सत्य और न्याय की जीत है. लेकिन अभी भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से फैसले के विरोध पर ताज्जुब है ईश्वर सद्बुद्धि दें.
न्यायालय का यह ऐतिहासिक निर्णय स्वागत योग्यः राजेंद्र राठौड़
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी. राठौड़ ने लिखा कि न्यायालय की ओर से आज अयोध्या में राम लला मंदिर के विवादित ढांचे के विध्वंस मामले में संत और राजनेताओं को बरी कर दिया गया है. न्यायालय का यह ऐतिहासिक निर्णय स्वागत योग्य है.
आज एक बार फिर सत्य की जीत हुई हैः दीया कुमारी
वहीं, भाजपा सांसद दीया कुमारी ने कोर्ट के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा आज एक बार फिर सत्य की जीत हुई है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि विशेष अदालत की ओर से बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में दिए गए निर्णय का मैं स्वागत करती हूं. दीया कुमारी ने कहा कि संत साजिशें नहीं रचती बल्कि धर्म और संस्कृति की रक्षा करते हैं.
दीया कुमारी ने एक बयान जारी कर कहा कि वह दुर्भाग्यपूर्ण था, जब देश को राह दिखाने वाले साधु संतों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ इस तरह के मुकदमे दर्ज किए गए. उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि सत्य कभी पराजित नहीं होता.
कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया गया है वह दबाव में चुना गया है...
बाबरी मस्जिद को लेकर बुधवार को आरोपियों को बरी करने के फैसले को हुए जमात ए इस्लामी हिंद राजस्थान ने नकार दिया है. उन्होंने कहा कि हमें इंसाफ की उम्मीद थी लेकिन इंसाफ नहीं मिला. उनका कहना है कि हम लोगों को कोर्ट के फैसले से काफी ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन जिस तरह से कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया गया है वह दबाव में चुना गया है.