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विधानसभा सत्र से पहले भाजपा को झेलना पड़ेगी 'अपनों' की नाराजगी, विधायक नरपत सिंह राजवी ने कही ये बड़ी बात...

आगामी 19 सितंबर से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है. बिना सत्रावसान विधानसभा सत्र बुलाए जाने और 100 प्रश्न पूछे जाने की लिमिट के कारण विधायक नरपत सिंह राजवी पार्टी से नाराज दिख रहे हैं. उनका कहना है कि जब प्रश्न नहीं पूछ सकेंगे तो सत्र बुलाने का मतलब क्या और भाजपा भी इसका विरोध नहीं कर रही है.

विधायक नरपत सिंह राजवी
विधायक नरपत सिंह राजवी

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Published : Sep 15, 2022, 8:27 PM IST

जयपुर. आगामी 19 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक में पार्टी अपनों से ही घिर सकती है. बिना सत्रावसान विधानसभा सत्र बुलाए जाने और इसमें अधिकतर विधायकों के 100 प्रश्न पूछने की लिमिट खत्म होने के मामले में भाजपा की चुप्पी से वरिष्ठ विधायक नरपत सिंह राजवी खासे (MLA Narpat Singh on assembly session) नाराज हैं. राजवी यह तक कह रहे हैं कि इस मामले में पार्टी क्या करेगी उन्हें नहीं पता क्योंकि यहां निर्णय सामूहिक नहीं बल्कि 2-3 लोग ही मिल कर लेते हैं.

दरअसल विधानसभा सत्र में सरकार को सदन में घेरने की रणनीति बनाने के लिए भाजपा ने 18 सितंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई है. यह बैठक विधानसभा में होगी लेकिन इसमें नरपत सिंह राजवी समेत कुछ विधायकों की नाराजगी फूट (BJP leader Narpat Singh unhappy with the party) सकती है. नाराजगी की प्रमुख वजह यही है कि विपक्ष में होने के नाते भाजपा ने बिना सत्रावसान मौजूदा विधानसभा सत्र बुलाए जाने का विरोध क्यों नहीं किया. इस मामले में सरकार और विधानसभा अध्यक्ष पर अब तक दबाव क्यों नहीं बनाया गया. नरपत सिंह राजवी पूर्व में यह भी कह चुके थे कि बीजेपी को इस मामले में विधानसभा सत्र का ही बहिष्कार कर देना चाहिए क्योंकि जब विधायक सदन में सवाल ही नहीं पूछ पाएंगे तो सत्र के होने का क्या फायदा.

विधायक नरपत सिंह राजवी

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किसी की मेहरबानी से नहीं, जनता के आशीर्वाद से जीतता हूं- राजवी
विद्याधर नगर क्षेत्र से वरिष्ठ विधायक नरपत सिंह राजीव कहते हैं कि वह इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखेंगे और विधायक दल की बैठक में इस मुद्दे को भी उठाएंगे. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि पार्टी ने क्या निर्णय लिया है और अब तक इस मसले पर सरकार या विधानसभा अध्यक्ष पर कोई दबाव क्यों नहीं बनाया तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब दल में सामूहिक निर्णय नहीं लिया जाता है, दो-तीन लोग ही बैठकर तय कर लेते हैं.

विधायक राजवी ने कहा कि मैं 6 बार जनता के आशीर्वाद से चुनकर आया हूं, किसी की मेहरबानी से नहीं. जनता के मुद्दे सदन में सही तरीके से उठाता हूं जिसपर काम होता है और लोगों को राहत मिलती है. उसी कारण मुझको आगे सपोर्ट मिलता है. राजवी ने कहा यदि विधायक को सदन में सवाल उठाने और पूछने का भी मौका नहीं मिलेगा तो फिर लोगों के अधिकारों की रक्षा कैसे होगी. राजवी ने कहा कि मौजूदा विधानसभा सत्र में मैं केवल 7 सवाल पूछ सकता हूं. उसमें भी लॉटरी में एक या दो का नंबर आएगा.

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प्रतिपक्ष के उपनेता ने बताया इन मुद्दों पर सदन में घेरेंगे सरकार को
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि 18 सितंबर को बीजेपी विधायक दल अपनी रणनीति तैयार करेगा और सदन में सरकार को बिगड़ती कानून व्यवस्था लंपी स्किन रोग की रोकथाम में निष्क्रियता सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा. राठौड़ ने कहा कि हर विभाग से जुडे बड़े मुद्दे भाजपा ने तैयार किए हैं लेकिन वर्तमान में प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों के साथ ही गोवंश में तेजी से फैल रही एमपी स्किन रोग बीमारी प्रमुख है जिस पर सरकार को जगा कर आम जनता को और गोवंश को राहत पहुंचाना है. राठौर ने कहा कि भाजपा के अधिकतर विधायकों के 100 प्रश्न पूछने की लिमिट खत्म हो चुकी है ऐसे में भाजपा विधायक दल स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात कर दबाव बनाएगा की विधायकों को अतिरिक्त प्रश्न पूछने का मौका मिल सके.

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