राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

कोरोना के आंकड़े और दावे गुमराह करने वाले हैं: कालीचरण सराफ - कोरोना जांच रिपोर्ट

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने एक बार फिर कोरोना जांच को लेकर चिकित्सा मंत्री के दावे पर सवाल उठाया है. कालीचरण सराफ ने कहा कि जांच रिपोर्ट देरी से आने के कारण मरीजों का इलाज देर से हो रहा है, जिससे प्रदेश में संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.

jaipur news, Kalicharan Saraf, corona test report
कालीचरण सराफ ने चिकित्सा मंत्री के दावे पर सवाल उठाया

By

Published : Jun 15, 2020, 9:56 AM IST

जयपुर. पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ ने एक बार फिर कोरोना जांच को लेकर प्रदेश सरकार के चिकित्सा मंत्री के दावे पर सवाल उठाया है. कालीचरण सराफ ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने में देरी के कारण मरीज को इलाज मिलने में विलंब से प्रदेश में संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.

यह भी पढ़ें-जयपुर: होटल में बंद कांग्रेसी विधायकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

वहीं उन्होंने यह भी कहा की लंबी प्रक्रिया के तहत कोरोना जांच रिपोर्ट पहले मेडिकल के पास डायरेक्टर जाती है, फिर लगभग 8 से 10 घंटे बाद सीएमएचओ के पास आती है. रिपोर्ट आने में हो रही देरी से मरीज को इलाज मिलने में भी विलंब होता है और इस बीच संक्रमित व्यक्ति कई लोगों से संपर्क में आ जाता है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री दावा करते हैं कि वर्तमान में प्रदेश में 25 हजार कोरोना जांचे प्रतिदिन होती है और जल्द ही 40 हजार जांच प्रतिदिन करने का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे, लेकिन सच्चाई यह है कि पिछले 7 दिन में राजस्थान में कुल 77 हजार कोरोना की जांच की गई है. मतलब प्रतिदिन औसत मात्र 11000 जांचे हुई है. सराफ ने कहा कि इसका मतलब यह है कि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के दावे के अनुरूप प्रतिदिन जांच नहीं हो रही है और जो जांच हो रही है वह भी एक लंबी प्रक्रिया अपनाकर, जो कि प्रदेश के लिए घातक है.

यह भी पढ़ें-स्मृति ईरानी के संबोधन से राजस्थान में वर्चुअल रैली का आगाज, तकनीकी खामियों के चलते बाधित रहा प्रसारण

सराफ ने राज्य सरकार पर कोरोना से निपटने में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया और कहा कि विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना जांच रिपोर्ट में देरी से दिल्ली, मुंबई आदि शहरों में बेकाबू हो गया. सराफ ने कहा कि झूठे आंकड़े पेश करने के बजाय ऐसी पुख्ता नीति बनाएं की जांच रिपोर्ट जल्दी आए और मरीज को आइसोलेट करके उसका इलाज शुरू किया जाए, जिससे बेकाबू होने से पहले ही प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details