जयपुर. पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक सराफ ने कोरोनाकाल में मरीजों के इलाज और उनकी देखभाल को प्राथमिकता देकर अपने फर्ज को निभाते हुए संक्रमित होने के बाद जान गवां चुके प्राइवेट डॉक्टर्स के प्रति अपनी सम्वेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि महामारी के दौर में राज्य सरकार को असमय मरने वाले हर डॉक्टर को एक ही नजर से देखना चाहिए और निजी डॉक्टर्स के परिवारों को भी सरकारी चिकित्साकर्मियों के बराबर ही आर्थिक सहयोग प्रदान करना चाहिए.
सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि देश वैश्विक महामारी के दौर से गुजर रहा है, इसमें दूसरी लहर कहर बनकर आयी है. संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों में कैद हैं, लेकिन हमारे डॉक्टर्स अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश के 37 डॉक्टर्स संक्रमण के कारण अपनी जान गवां चुके हैं. इनमें से अधिकांश डॉक्टर्स मरीजों का इलाज करने के दौरान ही संक्रमित हुए और उनकी सांसे थम गईं. इनमें से अधिकांश डॉक्टर्स को तो वैक्सीन की एक अथवा दोनों डोज लग चुकी थी.