जयपुर. प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसको लेकर बीजेपी सत्ता पक्ष पर हमलावर हो गई है. बढ़ते मौतों के आंकड़े और संक्रमण के खतरे की बीच बीजेपी ने प्रदेश की गहलोत सरकार को कोविड समस्या से निपटने में फेल करार दिया है.
अरुण चतुर्वेदी ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना पढ़ें-'कांग्रेस ने भले ही सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया हो लेकिन भाजपा ही तीनों सीटों पर जीत दर्ज करेगी'
भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि इस महामारी के दौर में राज्य सरकार कोविड के प्रबंधन और संसाधनों के आनुपातिक वितरण में असफल सिद्ध हो रही है. इससे यह पूर्णतः सिद्ध हो गया है कि राज्य सरकार निर्णय लेने में लगातार अक्षम साबित हो रही है. चतुर्वेदी ने कहा कि एक तरफ राज्य के महाधिवक्ता उच्च न्यायालय में निजी चिकित्सालयों की ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की मांग पर पक्ष रखते हुए कहते हैं कि सरकार सरकारी चिकित्सालयों को पहले आपूर्ति करेगी इसके बाद निजी चिकित्सालयों को.
वहीं, दूसरी तरफ एसएमएस के इतिहास में पहली बार अस्पताल के दरवाजे मरीजों का दबाव बढ़ने पर रात 9 बजे बंद कर दिए जाते हैं. भाजपा नेता ने कहा कि जब इस विषय पर बात करने का प्रयास करते हैं तो अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी फोन उठाने की जहमत तक नहीं उठाते.
पूर्व मंत्री चतुर्वेदी ने कहा कि अभी भी सरकार को त्वरित निर्णय करते हुए कांवटिया, गणगौरी बाजार, सेठी कॉलोनी व चैस्ट और टीबी हॉस्पिटल को भी कोरोना मरीजों के लिए खोलना चाहिए. जिससे वहां उपलब्ध संसाधनों का भी आम जरूरतमंद व्यक्ति के लिए उपयोग किया जा सके. चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार इस बात को भी स्पष्ट करें कि जब सरकार ने सभी संसाधन अपने नियंत्रण में ले लिए हैं और निजी चिकित्सालयों को संसाधन, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करा सकती तो उनको कोविड डेडिकेटेड अस्पताल घोषित क्यों किया.