जयपुर.देशभर में केंद्रीय कृषि कानून को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. इसको लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. किसान संगठनों ने 8 दिसंबर का भारत बंद का एलान भी किया है. लेकिन भाजपा नेताओं का कहना है कि जो संगठन या राजनेता इन कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं, उन्हें पहले ठीक से इसका अध्ययन कर लेना चाहिए. क्योंकि यह कृषि बिल किसानों के हित में है.
अलका सिंह गुर्जर का कृषि कानून का विरोध करने वालों पर कटाक्ष भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर ने कृषि बिल का विरोध करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आरएलपी हो या अन्य किसान संगठन यदि विरोध करने वाले ठीक से इन कृषि कानूनों का अध्ययन करेंगे तो यह कानून किसानों के हित में ही पाएंगे. अलका सिंह गुर्जर के अनुसार लंबे अरसे से किसानों की कई मांगें थी, जिनका समावेश करते हुए ही यह केंद्रीय कृषि कानून बनाए गए हैं और इससे निश्चित तौर पर किसानों की सभी मांगे भी इन कानूनों के माध्यम से पूरी होंगी.
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अलका सिंह गुर्जर से एनडीए के सहयोगी दल आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के कृषि कानून के विरोध में आए बयानों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम गठबंधन के धर्म को अच्छी तरह निभाते हैं. लेकिन गठबंधन का साथ ही परिवार का होता है और परिवार में जो भी बात होती है वह आपस में बैठकर ही की जाती है.
अलका गुर्जर ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथों...
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री अलका गुर्जर ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. दौसा में निकाय चुनावों में प्रचार के दौरान अलका गुर्जर ने कांग्रेस सरकार को चंद दिनों की मेहमान बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार निकाय चुनाव को लेकर सत्ता का दुरुपयोग करते हुए क्षेत्र के कर्मचारियों को धमकाकर वोट डालने के लिए दबाव बना रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जो मल युद्ध चल रहा है वह जगजाहिर हो चुका है.