जयपुर.प्रदेश में चल रही सियासी संग्राम में भले ही प्रदेश सरकार और कांग्रेस पार्टी परेशान हो, लेकिन भाजपा इस पूरे घटनाक्रम से उत्साहित है. भाजपा इस सियासी नौटंकी को एकाग्रता से देख रही है, ताकि मौका मिले तो उसको भुनाया जा सके. ऐसे भी सियासी संग्राम में भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसको कुछ भी नुकसान होने वाला नहीं है. लेकिन भाजपा को सियासी फायदे के कई अवसर मिलने तय हैं.
दरअसल, इस पूरे सियासी संग्राम के प्रमुख रूप से दो ही परिणाम हो सकते हैं, जिसमें पहला सचिन पायलट और उनके गुट के 19 विधायकों की सदस्यता समाप्त हो जाए और जैसे-तैसे प्रदेश की गहलोत सरकार अपना बहुमत साबित कर दें. वहीं, दूसरे परिणाम में हो सकता है कि गहलोत सरकार अपना बहुमत साबित करने में विफल हो जाए, लेकिन दोनों ही परिणामों की उपस्थिति में बीजेपी को कोई नुकसान नहीं होने वाला बल्कि आगामी सियासी फायदे के अवसर ही मिलेंगे.
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ये हैं प्रदेश के सियासी समीकरण...
प्रदेश विधानसभा में 200 सदस्य हैं, इसमें भाजपा की यदि बात की जाए तो वर्तमान में 72 सदस्य हैं. साथ ही बीजेपी के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायकों के समर्थन के साथ मौजूदा स्थिति में भाजपा और आरएलपी के 75 विधायक हैं. इन 75 विधायकों में फिलहाल सेंधमारी की कोई गुंजाइश नहीं है. ये विधायक एकजुट दिख रहे हैं क्योंकि सेंधमारी की शिकायत कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों में है. वहीं, सचिन पायलट खेमे के 19 विधायकों ने पहले ही बगावत के सुर बुलंद कर रखे हैं.