जयपुर.राज्यसभा चुनाव में भले ही भाजपा को क्रॉस वोटिंग का दंश झेलना पड़ा हो लेकिन अपने पुराने कड़वे अनुभव भुलाकर बीजेपी मिशन 2023 की तैयारी में जुट गई है. इसके लिए संगठनात्मक बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है. सोमवार को प्रदेश मुख्यालय में जहां सशक्तिकरण अभियान का आगाज हुआ तो वहीं 14 जून को प्रदेश पदाधिकारियों और प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कोटा (BJP held meeting tomorrow with state officials in Kota) में रखी गई है.
दरअसल जून और जुलाई महीने में भाजपा की संगठनात्मक स्तर पर मजबूती के लिए कई कार्यक्रम हाथ में लिए गए हैं. भाजपा सांसदों को भी पार्टी की सबसे छोटी बूथ इकाई से जुड़े अभियान में टास्क (BJP gave task to all MP) दिया गया है. मकसद यही है कि पार्टी ऊपर से नीचे तक मजबूत हो सके और जनप्रतिनिधि भी संगठनात्मक कार्यों में अपनी भूमिका निभाई. हालांकि बूथ सशक्तिकरण अभियान का आगाज सोमवार से हो गया है जो 31 जुलाई तक जारी रहेगा.
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28 में से 18 सांसद हुए शामिल
बूथ सशक्तिकरण अभियान की कार्यशाला में रविवार को सभी सांसदों को आमंत्रित किया गया था. हर जिले के अभियान से जुड़े संयोजक और सह संयोजक भी इस बैठक में शामिल रहे. हालांकि बीजेपी के 17 लोकसभा और 1 राज्यसभा सांसद इस बैठक में शामिल हुए जबकि प्रदेश में लोकसभा के 24 और राज्यसभा के 4 सांसद भाजपा के हैं. बैठक में शामिल होने वाले सांसदों में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साथ ही सांसद रामचरण बोहरा, घनश्याम तिवाड़ी, बाबा बालक नाथ, राहुल कसवा, रंजीता कोली, पीपी चौधरी, कनक मल कटारा और दुष्यंत सिंह समेत कुल 18 सांसद शामिल हुए. इसमें भी झालावाड़ सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह आगे की पंक्ति में न बैठकर सबसे अंतिम पंक्ति में बैठे. जबकि सभी सांसद बैठक में आगे की पंक्ति में थे.
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अब नजरें कोटा संभाग पर, ये हैं कारण
आने वाले चुनाव से पहले बीजेपी को सभी जिलों और संभागों में संगठनात्मक रूप से मजबूत करने का काम तेजी से चल रहा है. इसी रणनीति के तहत अब पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक और प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कोटा में रखी गई है. यह बैठक 14 जून को और 15 जून को होगी. इसके पहले उदयपुर, भरतपुर और बीकानेर संभाग में पार्टी की इस प्रकार की बैठक की गई थी लेकिन कोटा संभाग काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इसका प्रमुख कारण कोटा संभाग में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विधानसभा क्षेत्र झालरापाटन और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह का संसदीय क्षेत्र बारां, झालावाड़ आता है. पिछले दिनों अगले मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में वसुंधरा राजे का नाम आगे करने के बयान भी सर्वाधिक कोटा संभाग से जुड़े नेताओं की तरफ से ही आए. ऐसे में पार्टी संगठनात्मक रूप से इस क्षेत्र को और मजबूत करना चाहती है. यही कारण है कि अब कोटा संभाग पर पार्टी ने फोकस किया है और यह महत्वपूर्ण बैठक के इसी ओर इशारा कर रही है.