जयपुर.प्रदेश भाजपा ने गहलोत सरकार पर भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं के खिलाफ राजनीतिक द्वेषता के आधार पर मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार गहलोत सरकार के मौजूदा कार्यकाल में जेपी नड्डा सहित 212 भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए (Rathore on cases against BJP leaders) हैं. इस दौरान भाजपा प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल ने लालसोट में डॉ अर्चना शर्मा सुसाइड और प्रसूता आशा बैरवा मौत मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की.
सोमवार शाम प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए राजेंद्र राठौड़ और जितेंद्र गोठवाल ने यह आरोप लगाए. राठौड़ ने कहा कि आज प्रदेश में इंडियन पैनल कोर्ट नहीं बल्कि गहलोत पेनल कोर्ट चल रहा है. कांग्रेस के मंत्री पुत्र की शादी में खुलेआम फायरिंग होती है. बीज निगम के अध्यक्ष के स्वागत पर फायरिंग होती है. यहां तक कि बाड़ी विधायक गिर्राज मलिंगा तो अधिकारी पर हमला करते हैं और लंबे अंतराल के बाद अपनी शर्तों पर ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करते हैं. तब भी उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती. राठौड़ ने राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना मामले में भाजपा सांसद मनोज राजोरिया की गाड़ी पर हुए हमले की घटना की भी निंदा की और कहा कि लोकतंत्र में इस प्रकार का आचरण किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता.
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पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज किया, हो सीबीआई जांच-गोठवाल: वहीं, पिछले दिनों लालसोट में प्रसूता आशा बैरवा की मौत और उसके बाद महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना के सुसाइड मामले में गिरफ्तार हुए जितेंद्र गोठवाल ने इस पूरे घटनाक्रम की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है. गोठवाल ने कहा कि पुलिस ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया (Jitendra Gothwal reaction on case against him) है. जबकि आशा बैरवा की मौत के मामले में शाम को ही चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज हो गया था और वे देर रात 10 बजे पीड़ित परिवार के बीच पहुंचे थे.
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गोठवाल ने कहा कि उन्होंने पीड़ित परिवार को राहत देने के लिए प्रयास किया और वहां से चले गए. लेकिन उसके बाद कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता और नेताओं के दबाव में पीड़ित पक्ष और चिकित्सक दंपती के बीच राजीनामा भी हुआ और 3 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात पर सहमति भी बनी. लेकिन पुलिस ने इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. गोठवाल ने कहा कि उन्हें प्रियंका गांधी को राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के मामले में रेलवे का टिकट भेजने का दंड मिला है. लेकिन वो प्रदेश सरकार और पुलिस की इस कार्यशैली से डरने वाले नहीं हैं. लगातार जनता से जुड़े मुद्दे उठाते रहेंगे. यहां आपको बता दें कि जितेंद्र गोठवाल इस मामले में करीब 50 दिन जेल में रहे और हाल ही में हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली है.