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सभापति और उप सभापति का हो निष्पक्ष चुनाव, भाजपा प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्य चुनाव आयुक्त से की मांग - राज्य निर्वाचन आयोग

शुक्रवार को भाजपा प्रतिनिधिमण्डल ने सभापति और उप-सभापति के निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से सरकार ने सत्तारूढ़ पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए अध्यक्ष/सभापति व उपाध्यक्ष/उपसभापति के चुनाव में निर्वाचित सदस्य को अपना मत गुप्त तरीके से ना देकर सार्वजनिक रूप से मतदान करने की छूट दे रखी है जिससे सतारूढ़ पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए जो खरीद फरोख्त की जा रही है वह सुनिश्चित हो सके.

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चुनाव निष्पक्ष कराने की मांग को लेकर भाजपा प्रतिनिधिमडंल ने चुनाव आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

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Published : Dec 18, 2020, 9:13 PM IST

जयपुर. भाजपा प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को धौलपुर, राजाखेड़ा, नगर, नदबई, कामां, कम्हेर और सवाई माधोपुर नगर पालिका/नगर परिषद के अध्यक्ष/सभापति और उपाध्यक्ष/उप-सभापति के चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष करवाए जाने के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा है. भाजपा ने अपने ज्ञापन में मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा कि सरकार ने सत्तारूढ़ पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए अध्यक्ष/सभापति व उपाध्यक्ष/उपसभापति के चुनाव में निर्वाचित सदस्य को अपना मत गुप्त तरीके से ना देकर सार्वजनिक रूप से मतदान करने की छूट दे रखी है जिससे सतारूढ़ पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए जो खरीद फरोख्त की जा रही है वो सुनिष्चित हो सके. सरकारी तंत्र पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी का सहयोग कर रहा है जिसके चलते धौलपुर, राजाखेडा, नगर, नदबई, सवाई माधोपुर, कामां और कुम्हेर में किसी भी रूप से संवैधानिक तरीके से अध्यक्ष/सभापति और उपाध्यक्ष/उपसभापति का चुनाव कराना संभव नहीं है.

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भाजपा ने ज्ञापन के जरिए कहा कि कांग्रेस पार्टी निर्वाचित सदस्यों को डरा धमकाकर, लालच देकर अपने पक्ष में मतदान करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठी है और सदस्यों की खरीद फरोख्त कर अपने पक्ष में मतदान कराना चाहती है. इसलिए सदस्यों पर मतदान के बाद अपना मत सार्वजनिक करने पर कार्रवाई की जाए. कांग्रेस जीतने के लिए सभी नाजायज प्रयास कर रही है. ऐसी स्थिति में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए आपकी सहायता और सहयोग लेना अनिवार्य हो जाता है.

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि राज्य निर्वाचन आयोग ये सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी का निर्वाहन करता है कि आयोग के कड़े नियम के तहत निर्धारित वैधानिक प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयोजित किए जाते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से राज्य में सत्तारूढ़ दल एक अराजक स्थिति पैदा करने का प्रयास कर रहा है, जिससे गड़बड़ी होने की पूर्ण आशंका है.

राज्य निर्वाचन आयोग वैधानिक नियमों के तहत चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन विभिन्न माध्यमों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सत्तारूढ़ पार्टी ने चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए चुनाव आयोग के सभी मापदण्डों की धज्जियां उड़ाई हैं और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अपने सभी साधनों को अवैध रूप से अपनाया है.

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भाजपा की मांग है कि अध्यक्ष/सभापति और उपाध्यक्ष/उपसभापति के चुनाव में रिटर्निंग अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि मतदाता के अलावा अन्य कोई भी जनप्रतिनिधि, मंत्री या प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी मतदान क्षेत्र के 200 मीटर के दायरे में नहीं रहे. मतदाता, मतदान केन्द्र पर कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना करते हुए मतदान करें और मतदान केन्द्र में मोबाइल या किसी भी प्रकार से फोटो और वीडियो बनाने के लिए कैमरा आदि पर पूर्णतः पाबंदी लगाई जाए. उक्त बिन्दुओं पर आप रिटर्निंग अधिकारी को निर्देशित करें कि अध्यक्ष/सभापति और उपाध्यक्ष/उपसभापति के चुनाव में कानूनों, नियमों और आदेशों की पालना निष्पक्ष और उचित रूप से हो और बिना किसी डर और भय के उक्त में उपरोक्त वर्णित निकायों में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो.

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