जयपुर.राजस्थान भाजपा में बदलाव की बयार बहने लगी है. विधानसभा चुनाव से डेढ़ वर्ष पहले निष्क्रिय और विवादित पदाधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया में बुधवार को जहां एसटी मोर्चा के 4 जिला अध्यक्षों को बदला गया था. गुरुवार को दौसा भाजपा इकाई अध्यक्ष डॉ रतन तिवारी ने अपना इस्तीफा दे (BJP Dausa ST Morcha president resigns) दिया. अब पार्टी दौसा में नए जिलाध्यक्ष का एलान कभी भी कर सकती है.
डॉ रतन तिवाड़ी ने जिला अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा गुरुवार को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया को भेजा. पत्र में तिवाड़ी ने पारिवारिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए जिला अध्यक्ष पद पर दायित्व के साथ न्याय नहीं कर पाने की बात लिखी और स्वेच्छा से जिला अध्यक्ष पद के दायित्व से त्यागपत्र देने की बात लिखी. इसे स्वीकार कर अनुग्रहित करने का आग्रह भी किया. रतन तिवाड़ी पिछले ढ़ाई वर्षों से दौसा जिला अध्यक्ष के पद पर काम कर रहे थे. हालांकि यह वह घटनाक्रम है जो पर्दे के सामने प्रदर्शित किया जा रहा है, लेकिन पार्टी नेतृत्व पर दौसा जिला अध्यक्ष के बदलाव का दबाव भी था.
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दरअसल बताया जा रहा है कि दौसा जिला अध्यक्ष डॉ रतन तिवाड़ी पूर्व में पीसीपीएनडीटी एक्ट से जुड़े मामलों में फंसे थे. हाल ही में एक मामले में उन पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी. माना जा रहा है इन्हीं परिस्थितियों में डॉ रतन तिवारी और पार्टी नेतृत्व पर दबाव था. ऐसे में तिवारी ने स्वयं अपना इस्तीफा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया. अब माना जा रहा है कि जल्द ही दौसा में संगठनात्मक रूप से नए जिलाध्यक्ष को कमान सौंप दी जाएगी.
इससे पहले बुधवार को बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने चार जिला अध्यक्षों को निष्क्रियता के चलते बदला था. जिनमें अलवर उत्तर में मोर्चा जिला अध्यक्ष मामराज मीणा को पद से हटाकर कमल मीणा को नियुक्त किया गया. वहीं धौलपुर में बहादुर मीणा को हटाकर अभिताभ मीणा को दायित्व दिया गया. इसी तरह जयपुर दक्षिण में श्रवण मीणा को हटाकर मुकेश गोरली को अध्यक्ष बनाया गया. वहीं जयपुर देहात उत्तर में महेंद्र पाल मीणा को हटाकर रामस्वरूप मीणा को मोर्चे का नया जिला अध्यक्ष बनाया गया था.