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कांग्रेस महामंत्री ने की संघ विचारधारा वाले कर्मचारियों के तबादलों की मांग, भाजपा बोली- मूर्खतापूर्ण है 'छुटभैइयों' का यह बयान

कांग्रेस महामंत्री ने संघ विचारधारा वाले कर्मचारियों के तबादलों की मांग की है. वहीं भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कांग्रेस के इस बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस से छुटभैइयों का यह बयान मूर्खतापूर्ण है.

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Published : Jul 28, 2019, 8:53 PM IST

कालीचरण सराफ, भाजपा विधायक

जयपुर.प्रदेश के सरकारी विभागों में तैनात कर्मचारियों की विचारधारा को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है. कांग्रेस पदाधिकारी जहां संघ विचारधारा वाले कर्मचारियों को प्राइम पोस्टिंग से हटाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं भाजपा इसे कांग्रेस नेताओं की ओछी मानसिकता करार दे रही हैं.

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुए करीब 7 माह हो गए हैं. अब सत्तारूढ़ कांग्रेस के पदाधिकारियों को विभागों में तबादला सूची आने का इंतजार है. मौजूदा विधानसभा सत्र के बाद की तबादला सूची कभी भी आ सकती है. लेकिन उससे पहले कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री रूपेश कांत व्यास ने अपनी ही सरकार से एक अजीब मांग कर डाली है.

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रूपेश कांत व्यास के अनुसार सरकारी विभागों में तैनात संघ विचारधारा वाले कर्मचारियों और गैर जिम्मेदाराना अधिकारियों को प्राइम पोस्ट से हटाकर अच्छे कर्मचारियों को लगाया जाए. जिससे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के कामों में किसी प्रकार की बाधा ना आए. व्यास के अनुसार सरकार बने 6 माह हो गए हैं और अब सरकार को इस मांग पर विचार करना ही चाहिए.

कांग्रेस महामंत्री के संघ विचारधारा वाले कर्मचारियों के तबादलों की मांग पर बीजेपी का पलटवार

वहीं कांग्रेस प्रदेश पदाधिकारियों की मांग को भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने ओछी मानसिकता का प्रतीक बताया है। सराफ के अनुसार यदि मौजूदा गहलोत सरकार ने ऐसा कुछ भी किया तो वह कांग्रेस पर ही भारी पड़ेगा क्योंकि राजस्थान में हर 5 साल में सरकार बदलने की परंपरा है और जब भाजपा की सरकार आएगी तो फिर कांग्रेस विचारधारा से जुड़े लोगों का क्या होगा वह अच्छी तरह सोच ले। सराफ के अनुसार सरकारी विभागों के कामकाज में राजनीति को बढ़ावा देना बेहद गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ छुटभैया नेता इस तरह का मूर्खतापूर्ण बयान देते हैं, मेरी तो मुख्यमंत्री से मांग है कि वह ऐसे मूर्खतापूर्ण बयान देने वाले नेताओं को रोके.

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राजनीति में सरकार बदलते ही अधिकारियों कर्मचारियों को बदलना राजनेताओं की पुरानी आदत है. इसी आदत के चलते कांग्रेस महासचिव रूपेश कांत व्यास ने यह बयान भी दिया है. वहीं हाल ही में शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने अपने एक बयान में साफ कर दिया था कि विभाग की तबादला सूची में सबसे पहले वही नाम होंगे. जिन्हें पिछली भाजपा सरकार ने राजनीतिक भेदभाव के चलते तबादला किया था. मतलब साफ है कि मौजूदा सरकार भी सरकारी विभागों के कामकाज में सियासत का दखल पूरी तरह रखेगी ताकि सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं को भी अपनी सरकार होने का फीलगुड हो सके.

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