जयपुर. कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा के लिए रणदीप सुरजेवाला ,प्रमोद तिवारी और मुकुल वासनिक के रूप में तीनों प्रत्याशी बाहरी उतार दिए हैं. उसके बाद एक नया विवाद प्रदेश में शुरू हो गया है कि क्या राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में ऐसे नेताओं का टोटा पड़ गया है, जो उच्च सदन राज्यसभा में जा सकें. पिछले दो दशक की तुलना की जाए तो कांग्रेस पार्टी ने साल 2018 तक केवल एक आनंद शर्मा को राज्यसभा सांसद बनाया था.
हालांकि 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और 2020 में कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल को राज्यसभा का टिकट देकर कांग्रेस ने यह संख्या तीन कर ली. वही भाजपा की बात करें तो दो दशक में भाजपा की ओर से 5 बाहरी नेताओं को राज्यसभा सांसद बनाया गया. जिनमें राम जेठमलानी, नजमा हेप्तुल्ला ,विजय गोयल, वेंकैया नायडू और केजे अलफोंस शामिल हैं. ऐसे में अब तक तो भाजपा ने कांग्रेस की तुलना में पिछले दो दशक में 2 ज्यादा बाहरी नेताओं को राज्यसभा (congress and Bjp outside candidates in Rajyasabha election) सांसद बनाया है. लेकिन इस बार कांग्रेस ने तीन बाहरी प्रत्याशियों को टिकट दे दिया है और अगर वह तीनों जीत जाते हैं तो कांग्रेस के बाहरी राज्यसभा सांसदों की संख्या बढ़कर 6 हो जाएगी.
18 साल में 1 बाहरी था, इस कार्यकाल में बढ़कर हो जाएगी 6: कांग्रेस पार्टी ने पिछले 18 साल में केवल एक बाहरी नेता आनंद शर्मा को राज्यसभा का सांसद बनाया था, लेकिन गहलोत के इस कार्यकाल में यह संख्या बढ़कर छह होने जा रही है. जिनमें से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल तो राज्यसभा सांसद बन चुके हैं. बाकी बचे 3 बाहरी नेताओं के रूप में रणदीप सुरजेवाला प्रमोद तिवारी और मुकुल वासनिक को प्रत्याशी बनाया जा चुका है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर सब कुछ सही रहा तो 10 जून को कांग्रेस के बाहरी राज्यसभा सांसदों की संख्या बढ़कर 6 हो जाएगी.