जयपुर. आज मकर संक्रांति है. आज के दिन लोग दान पुण्य जमकर करते हैं तो इसके साथ ही राजधानी जयपुर समेत राजस्थान के कई शहरों में मकर संक्रांति पतंगबाजी के लिए भी मशहूर है. कोरोना के चलते इस बार भले ही लोग अपने-अपने स्तर पर ही अपने घर पर पतंगबाजी करेंगे, लेकिन इसका एक असर उन बेजुबान पक्षियों पर जरूर पड़ेगा जो पतंगबाजी के काम में ली जाने वाली डोर से घायल हो जाते हैं. वैसे तो सुबह 6 से 8 और शाम को 5 से 7 तक पतंगबाजी पर रोक है, लेकिन उसके बावजूद भी मकर संक्रांति का दिन पतंगबाजी के चलते पक्षियों के लिए प्राणघातक हो जाता है.
ऐसे में पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया के ने अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मकर संक्रांति के दौरान (Minister Lalchand Kataria on Bird Treatment) घायल पक्षियों के इलाज के लिए जिला स्तरीय बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों तथा अधीनस्थ प्रथम श्रेणी पशु अस्पतालों में विशेष व्यवस्थाएं की जाए. शासन सचिव डॉ. आरुषी मलिक ने इस सम्बंध में आदेश जारी कर जिला संयुक्त निदेशक एवं उप निदेशकों को मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी के दौरान घायल होने वाले पक्षियों के त्वरित इलाज के लिए (Bird Treatment Camp in Rajasthan) प्रत्येक जिला स्तरीय बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों तथा उनके अधीनस्थ आने वाले समस्त प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों में 14 से 16 जनवरी तक नियंत्रण कक्ष की स्थापना करने के निर्देश दिए हैं.
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इस दौरान पशु चिकित्सकों एवं सहायक कर्मियों के पर्याप्त दलों का गठन कर सुबह 9 बजे से सायं 6 बजे तक इलाज की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है. उन्होंने बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय के लैण्डलाइन फोन के नम्बर प्रदर्शित करते हुए घायल पक्षियों के इलाज की विशेष सुविधा के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए निर्देशित किया है.
ग्राम सेवा सहकारी समितियों को अनुदान देकर सरकार ने की पहल...
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बयान जारी कर (Gehlot Government on Village Service Cooperative Societies) कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की शुरूआत से किसान को अब सस्ती दर पर कृषि यंत्र ट्रैक्टर, हल, रोटावेटर, ट्रॉली, थ्रेसर, सहित अन्य उपकरण बाजार से कम दरों पर किसानों को किराए पर उपलब्ध होंगे. इससे गांव के किसानों को दर-दर नहीं भटकना होगा. तीन वर्ष में 1000 कस्टम हायरिंग की स्थापना की जा रही है. कटारिया ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि जोत का आकार कम होता जा रहा है.
सवाई मानसिंह अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में विशेष व्यवस्था... ऐसे में किसान के पास कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं हो पाते हैं. सरकार के इस प्रयास से किराए पर किसानों को कम दरों पर कृषि यंत्र स्थानीय स्तर पर मिल सकेंगे. वर्तमान तकनीक को ध्यान में रखकर किसानों को सस्ती दरों पर जीएसएस को ट्रैक्टर, हल, एवं रोटावेटर सहित अन्य यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना की जा चुकी है. इस वर्ष 285 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में एवं 17 एफपीओ में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की गई है.
सवाई मानसिंह अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में विशेष व्यवस्था...
जयपुर में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की परम्परा रही है. ऐसे में पतंगबाजी के दौरान थोड़ी सी चूक हादसे का कारण बन सकती है. ऐसे में छोटे बच्चे कई बार हादसों का शिकार हो जाते हैं. पतंग उड़ाते समय छत से गिरने का डर रहता है तो वहीं कई हादसे ऐसे भी होते हैं जिमसे चाइनीज मांझा से राहगीरों का गला और अन्य शरीर के अंग कट जाते हैं. पतंग उड़ाते समय चाइनीज मांझा बिजली के तारों को छूने से करंट लगने का डर रहता है. ऐसे किसी भी हादसे से निपटने के लिए जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में विशेष व्यवस्था अस्पताल प्रशासन की ओर से की गई है.