जयपुर.राजस्थान में बर्ड फ्लू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश भर में गुरुवार को 375 पक्षियों की मौत हुई है. करीब 27 जिलों से पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं. जयपुर में गुरुवार को 64 पक्षियों की मौत हो गई. इनमें 63 कौए शामिल हैं.
कहां कितने पक्षी मरे
375 पक्षियों में 322 कौए, 11 मोर और 42 अन्य पक्षी शामिल हैं. पूरे प्रदेश में अब तक 1833 पक्षियों की मौत हो चुकी है और 156 सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे जा चुके हैं. गुरुवार को कोटा में 33, बूंदी में 11, बारां में 12, झालावाड़ में 26, डूंगरपुर में 2, चित्तौड़गढ़ में 52, बीकानेर में 5, चूरू में 2, गंगानगर में 70, हनुमानगढ़ में 2, जयपुर में 64, अलवर में 2, सीकर में 10, झुंझुनू में 1, दौसा में 3, अजमेर में 2, भीलवाड़ा में 6, नागौर में 12, टोंक में 4, जोधपुर में 27, जैसलमेर में 9, जालोर में 1, पाली में 6, सिरोही में 2, भरतपुर में 1, करौली में 7 और सवाई माधोपुर में 3 पक्षी मृत मिले हैं.
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झालावाड़, कोटा, बारां और जयपुर में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. अन्य जिलों से भेजे गए मृत पक्षियों के सैंपल की रिपोर्ट अभी नहीं आई है. पशुपालन विभाग, वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर हैं. पोल्ट्री फार्मस पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सबसे पहले झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौओं के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी.
प्रदेश भर में हाई अलर्ट
राजस्थान वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. बर्ड फ्लू को देखते हुए वन क्षेत्र, संरक्षित क्षेत्र, वेटलैंड और प्रवासी पक्षियों के विचरण स्थलों की विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है. मृत पक्षियों के संबंध में भारत सरकार की तरफ से जारी एक्शन प्लान और निदेशालय पशुपालन विभाग की गाइडलाइन की पूर्ण पालना करने और मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन की कार्रवाई में पशुपालन विभाग का सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.
प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में भी विशेष निगरानी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. किसी प्रकार का संक्रमण पक्षियों से ना फैले, इसके लिए पीपीई किट का भी उपयोग किए जाने के निर्देश दिए हैं. वेटलैंड के संबंध में सूचना एकत्रित करने के साथ-साथ पक्षियों की निगरानी और एवियन इन्फ्लूएंजा की दृष्टि से भी निगरानी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.