जयपुर.सांभर कस्बे (Sambhar) में एक सप्ताह से कौओं सहित अन्य पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है. भोपाल प्रयोगशाला (Bhopal Laboratory) में भेजे गए सैंपल की जांच रिपोर्ट (Sample Report) में खुलासा हुआ है कि सांभर में पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू (Bird Flu) के कारण हो रही है. ऐसे में सांभर झील (Sambhar Lake) में प्रवास पर आए लाखों प्रवासी पक्षियों (Migratory Birds) पर भी बर्ड फ्लू (Bird Flu) का खतरा मंडराने लगा है.
पिछले दिनों जोधपुर (Jodhpur) में भी बर्ड फ्लू (Bird Flu) के कारण कुरजां की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में अब सांभर झील के प्रवासी पक्षियों (Migratory Birds Of Sambhar Lake) की सुरक्षा (Safety) को लेकर पक्षी प्रेमियों में चिंता है.
अब तक 63 पक्षियों की गई जान
जानकारी के अनुसार सांभर कस्बे में आज मंगलवार को दो कौए मृत और एक अन्य पक्षी घायल मिला है. ऐसे में अब तक सांभर कस्बे में करीब 63 पक्षियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जिनमें अधिकतर कौए हैं. इसके आलावा चील, कबूतर, मैना और रूफ्सट्रिपी की मौत भी हुई है.
पढ़ें-Rajasthan : दो दिन में 40 से ज्यादा मृत मिले कौए, प्रवासी पक्षी कुरजां की बर्ड फ्लू से हुई थी मौत
2019 की वो त्रासदी अब भी सालती है...
पक्षी प्रेमियों कोदो साल पहले का वो मंजर याद आ रहा है जब बड़ी तादाद में सांभर झील एरिया में पक्षियों ने दम तोड़ (Death of Migratory Birds) दिया था. तब एवियन बोटुलिज्म (Avian Botulism) नामक वायरस (Virus) को पक्षियों की मौत का कारण बताया गया था. प्रवासी पक्षियों की मौत (Death of Migratory Birds) के बाद सांभर झील देशभर में सुर्खियों में आ गई थी.
18 नवंबर को 20 कौए मिले थे मृत
गुरुवार 18 नवंबर की सुबह सांभर झील एरिया में 20 से ज्यादा कौए मरे हुए मिले थे. पशुपालन और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. कौओं की मौत का कारण पता लगाने के लिए शवों के सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए. सांभर कस्बे में तलाई वाले बालाजी मंदिर के आसपास कौए मरे हुए मिले थे. इसके अलावा कई कौए घायल और अचेत हालत में भी मिले थे. स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पशुपालन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे.
वन विभाग ने बनाए रेस्क्यू सेंटर और अस्थाई चौकी
सांभर झील (Sambhar Lake) में सर्दियों के मौसम में हर साल लाखों विदेशी पक्षी प्रवास (Migratory Birds) पर आते हैं. कस्बे में पक्षियों की मौत के मामले सामने आने के बाद झील क्षेत्र में मुस्तैदी बढ़ाते हुए निगरानी तेज कर दी गई है. वन विभाग (Forest Department) ने दो रेस्क्यू सेंटर (Rescue Center) और एक अस्थाई चौकी सांभर के आसपास बनाए हैं. इसके अलावा नागौर और अजमेर (Ajmer) जिले में भी रेस्क्यू सेंटर बनाए गए हैं.