जयपुर. बीकानेर की एक शिक्षिका को जब न्याय नहीं मिला तो पैदल ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगाने जयपुर (bikaner lady teacher came jaipur for justice) पहुंच गई. सरकारी स्कूल की शिक्षिका सुरेंद्र कौर का कहना है कि उनके 43 दिन धरने के बाद भी बीकानेर जिला प्रशासन और शिक्षा निदेशालय की आंखें नहीं खुली, तो अपने छोटे बच्चे और पति के साथ पैदल ही बीकानेर से जयपुर रवाना हो गई.
बीकानेर से जयपुर तकरीबन 350 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके शिक्षिका सुरेंद्र कौर अपने छोटे बच्चे और पति के साथ आज जयपुर पहुंची. कल वह अपने परिवार के साथ सीएम से न्याय की गुहार लगाएंगी. कौर का कहना है कि वह राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रेलवे लाइन कोलायत की तृतीय श्रेणी की अध्यापिका हैं. पिछले कुछ समय से उनके पास स्कूल का चार्ज भी था. आरोप है कि इसी बीच स्कूल के हेड मास्टर टीकू मेघवाल ने B.Ed इंटर्नशिप छात्रा अभ्यर्थी के स्कूल नहीं आने के बावजूद भी 1 महीने के हस्ताक्षर करवा लिए और जब शिक्षिका ने इसका विरोध किया तो उसके साथ हेड मास्टर ने बदसलूकी की और कुछ दस्तावेज भी फाड़ दिए.
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शिक्षिका का आरोप है कि इंटर्नशिप पर छात्रा के नहीं पहुंचने के बाद भी उसकी उपस्थिति दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को इसकी शिकायत की गई लेकिन शिक्षिका का आरोप है कि हेड मास्टर के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में परेशान होकर जिला प्रशासन बीकानेर के खिलाफ शिक्षिका ने 43 दिन धरना भी दिया.