जयपुर. नव संवत्सर के मौके पर करौली में हुई हिंसा के मामले में भाजपा की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट (Rajasthan Karauli Communal Violence) प्रदेश नेतृत्व और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को सौंप दी है. जांच समिति के सदस्यों का आरोप है कि करौली हिंसा की घटना के तार सिमी और पीएफआई जैसे संगठनों से जुड़े हैं और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार से भी आग्रह किया जाएगा. समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पत्रकार वार्ता के दौरान जांच समिति की रिपोर्ट को मीडिया में जारी किया.
भाजपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि पूरी जांच के दौरान समिति के सदस्य स्थानीय दुकानदारों, पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों और घायल लोगों से भी मिले और उस क्षेत्र का दौरा भी किया, जहां यह पथराव और आगजनी की गई थी. राठौड़ ने कहा कि घटना से एक दिन पहले पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की बैठक हुई थी और तमाम जानकारी के अनुसार यह कहा जा सकता है कि यह घटना पूर्व नियोजित षड्यंत्र ही था. राठौड़ ने इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने की मांग की.
पुलिस ने करवाई वीडियोग्राफी, अब सरकार करे सार्वजनिक : राठौड़ ने इस दौरान पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया और कहा कि रैली को जिला प्रशासन ने अनुमति दी थी और रैली की वीडियोग्राफी खुद पुलिस कर रही थी. उस वीडियोग्राफी के दौरान जो कुछ हिंसा हुई, उसके आधार पर पुलिस को कार्रवाई करना चाहिए, लेकिन पुलिस ऐसा नहीं कर रही. भाजपा ने पुलिस द्वारा करवाई गई वीडियोग्राफी को सार्वजनिक करने की मांग की है.
पुलिस नहीं कर रही सुनवाई, राजाराम गुर्जर निर्दोष : पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राजेंद्र राठौड़ और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि जांच समिति ने पीड़ित (BJP Demand Judicial Inquiry of Karauli Violence) लोगों से भी बात की, जिसमें सामने आया कि पीड़ितों की सुनवाई तक पुलिस नहीं कर रही. यहां तक कि दुकानों से जो माल लूटा गया है, वो कहां है यह भी पीड़ित व्यक्ति बताने को तैयार हैं.
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लेकिन न तो वो माल उन्हें दिया जा रहा है और न जलाए गए वाहनों को सौंपा जा रहा है. भाजपा नेताओं ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया और यह भी कहा कि पुलिस जानबूझकर रैली में शामिल निर्दोष लोगों को फंसा रही है. राजाराम गुर्जर के खिलाफ मामला दर्ज होने से जुड़े सवाल पर राठौड़ ने कहा कि राजाराम गुर्जर रैली में शामिल थे, लेकिन उन्होंने घायल लोगों की मदद का काम किया है.
कोरोना कालखंड खत्म, अब फिजिकली रूप से सरकार को घेरेंगे : राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस की ओर से भी इस मामले में जो कमेटी का गठन किया गया था, उसकी रिपोर्ट को मुख्यमंत्री ने सही मानकर जो बयान दिया वह भी निंदनीय है. राठौड़ ने कहा कि खुद जो पुलिसकर्मी इस रैली के साथ चल रहा था वो यह बात कह रहा है कि रैली पर छत के ऊपर से पत्थर बरसाए गए और हथियारबंद लोगों ने आकर मारपीट की.
बावजूद उसके, मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि रैली के दौरान की गई नारेबाजी से यह मामला भड़का है. राठौड़ के अनुसार मुख्यमंत्री इस मामले का दोषी बीजेपी को करार देते हैं जो गलत है. क्योंकि हम चाहते हैं कि इस प्रकार की घटनाएं ना हों और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम बने. राठौड़ ने कहा कि अब कोरोना का कालखंड खत्म हो चुका है और बीजेपी इन मामलों को लेकर फिजिकली रूप से सरकार को घेरेगी.
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कांग्रेस की महिला की रैली अपने आप में बन चुका मजाक : कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस की महंगाई रैली अपने आप में ही मजाक बन गई है. उनके अनुसार कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में महंगाई रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का वादा किया था और पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात भी कही थी. लेकिन घोषणापत्र के वादों के आधार पर राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए.
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में सर्वाधिक पेट्रोल-डीजल पर वैट लग रहा है और सबसे ज्यादा महंगी बिजली भी राजस्थान में है. राठौड़ ने कहा कि सरकार अपने प्रायोजित लोगों और मनरेगा से कुछ लोगों को लाकर महंगाई के विरोध में रैली करने का स्वांग करती है, जबकि सरकार के कई मंत्री तो महंगाई के विरोध में इस मंच पर बोलने से भी असहमति जता चुके हैं.