जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में विवाह कर बसने वाली बाहरी राज्यों की महिलाओं को पंचायत चुनाव और सरकारी नौकरी में एससी और ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. भले ही वह अपने दूसरे राज्य में भी समान आरक्षित वर्ग की रही हो. इसके साथ ही अदालत ने अन्य सरकारी योजनाओं को लेकर प्रवासियों को जारी होने वाले जाति प्रमाण पत्र में यह अंकित करने को कहा है कि यह प्रमाण पत्र सरकारी नौकरी और चुनाव लड़ने के लिए मान्य नहीं होगा.
न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने यह आदेश आशा देवी और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि खंडपीठ की ओर से पूर्व में दिए आदेश के तहत राज्य सरकार विवाह कर प्रदेश में आई महिलाओं को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए बाध्य है, लेकिन इसका लाभ नौकरी और चुनाव में ना होकर केवल सीमित कार्यों के लिए ही हो सकता है. इसलिए इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए इन पर इसका अंकन किया जाना जरूरी है.