जयपुर.बचपन से घर में भगवान राम और कृष्ण के भजनों के साथ बड़े हुए फिरोज खान का बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भले ही विरोध हो रहा हो. लेकिन उनके होम टाउन में इस विरोध से लोगों के दिलों को धक्का पहुंचा है. ईटीवी भारत जब बगरू पहुंचा तो यहां उनसे जुड़ी कुछ खास बातें जानने को मिली.
हर पैमाने पर खरे उतरते हैं 'फिरोज' हो सकता है ये बातें जानकर आपको हैरानी हो, लेकिन फिरोज और उनके पिता रमजान के लिए ये उनकी दिनचर्या का अंग हुआ करता है. ये दोनों ही बगरू स्थित रामदेव गौशाला में शाम को होने वाली आरती में शामिल होते हैं. वहीं उनके पिता राम और कृष्ण के भजन सुनाकर वहां मौजूद हर एक को मंत्रमुग्ध कर देते हैं.
गौशाला संचालक भंवरलाल की माने तो बीते 15 से 16 साल से वो लगातार गौसेवा के कार्य से भी जुड़े है और उनके परिवार का एक ना एक सदस्य रोजाना गौशाला में आकर अपनी सेवाएं देता है. भंवरलाल ने बताया कि उनके परिवार को देखकर कभी हिंदू-मुस्लिम वाली बात ही नहीं आई. वो तो ऐसे भजन भी सुना देते हैं जो कोई हिंदू भी याद नहीं कर पाए.
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भंवर लाल ने बताया कि हालांकि आज उनके घर में किसी का देहावसान होने की वजह से गौशाला नहीं पहुंचे. ऐसे में लोगों ने उनका काफी इंतजार किया. उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके भजनों का एक अलग ही आनंद होता है. गौशाला में मौजूद लोगों की प्रतिक्रियाओं को देखकर आप आसानी से भांप सकते हैं कि फिरोज खान और उनके पिता रमजान का हिन्दू संस्कृति के प्रति कितना व्यापक प्रेम हैं. जब लोगों ने BHU विवाद के बारे में जाना तो उन्हें काफी धक्का लगा.