जयपुर. कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रहा. जिसको लेकर भारतीय किसान संघ ने चिंता जताई है. भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने शनिवार को प्रेस बयान जारी कर इसको लेकर चिंता व्यक्त की है.
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक बिंदुवार चर्चा, तीनों कृषि कानूनों में वाजिब संशोधन और अन्य शंकाओं के लिए लिखित आश्वासन की बात स्वीकार की है. जो सरकार के समझौतावादी रुख को दर्शाता है और भारतीय किसान संघ इसका स्वागत करती है लेकिन अब भी किसान नेता तीनों कानूनों की वापसी की शर्त पर अड़े हैं. जिससे किसानों के हितों पर ठेस पहुंच रही है. चौधरी ने मांग की है कि कानून स्थगित रहने की अवधि में एक सक्षम, तटस्थ यौप समाधान परक सदस्यों की समिति गठित की जाए. जिसमें देशभर के सभी पंजीकृत किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व हो. समिति के गठन आदेश में ही उसके अधिकार, अधिकार क्षेत्र, समयबद्ध कार्य योजना और विचारणीय बिंदुओं को शामिल किया जाए.
किसान संघ ने किसान और सरकार दोनों से किया आग्रह