जयपुर.सावन का कृष्ण पक्ष जा चुका है और शुक्ल पक्ष आरंभ हो चुका है. या यूं कहें आधा सावन बीत चुका है. ऐसे में अब सावन के बचे हुए दिनों में कुछ खास दिन ऐसे हैं, जब भगवान शिव की उपासना-आराधना कर लक्ष्मी, वैभव और राज प्राप्त कर सकते (Special days in Sawan 2022) हैं. हालांकि इन दिनों में भगवान आशुतोष की पूजा विधि-विधान के साथ करने पर ही ये फलदाई होंगे.
सावन का तीसरा सोमवार:शास्त्रों के अनुसार सोम यानी चंद्रमा को भगवान शिव ने अपने मस्तक पर धारण किया है. चंद्रमा के भगवान शिव के सिर पर विराजने से जुड़े दृष्टांत के अनुसार, देवताओं और असुरों का जब समुद्र मंथन हुआ, तब भगवान ने विष का पान किया. ऐसे में उनको कंठ में बहुत गर्मी लगने लगी. तब उन पर पानी भरकर डालने लगे. जब बहुत पानी डालने के बाद भी भगवान को शांति नहीं मिली, तब देवताओं ने भगवान को चंद्रमा को मस्तक पर धारण करने की सलाह दी. यही वजह है कि सोमवार को भगवान शिव का दिन मानते हुए, उसकी विशेष महत्ता होती है. सोमवार को दशा, महादशा, अंतर्दशा क्रूर होने के बाद भी उससे आपको नुकसान नहीं होगा. सोमवार का व्रत-पूजा विशेष मानी जाती है. ऐसा भी माना जाता है कि जो व्यक्ति पूरे साल पूजा व्रत नहीं कर सकता, वो यदि सावन के चार सोमवार व्रत-पूजा करता है, तो भी उसे फल प्राप्त होता है.
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सावन शुक्ल पक्ष पंचमी (नाग पंचमी):2 अगस्त को नाग पंचमी (Nag Panchami 2022) है. जिन लोगों के राहु-केतु के मध्य शनि होने के बाद कालसर्प योग का निर्माण होता है. ऐसे लोगों को कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी पर विशेष पूजन करना चाहिए. इस दिन लोग व्रत कर भगवान शिव के प्रिय सांपों का पूजन कर विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. सावन में प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. भक्त भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना कर उपवास रखकर पूजा आराधना कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं. प्रदोष को भगवान शिव के लिए भी महत्वपूर्ण बताया गया है. इस बार 9 अगस्त को प्रदोष का व्रत है.