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निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में खंडपीठ करेगी अंतिम सुनवाई - Additional Advocate General Rajesh Maharishi

राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में एकलपीठ के समक्ष लंबित मामले को खंडपीठ में मंगा लिया है. इसके साथ ही अदालत ने सभी पक्षकारों को कहा है कि अपनी लिखित बहस 15 दिसंबर तक अदालत में पेश करें. अदालत ने मंशा जताई है कि प्रकरण का निस्तारण शीतकालीन अवकाश शुरू होने से पहले कर दिया जाएगा.

Case of collection of fees of private schools,  Rajasthan New
राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि

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Published : Dec 7, 2020, 5:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में एकलपीठ के समक्ष लंबित मामले को खंडपीठ में मंगा लिया है. इसके साथ ही अदालत ने सभी पक्षकारों को कहा है कि अपनी लिखित बहस 15 दिसंबर तक अदालत में पेश करें. अदालत ने मंशा जताई है कि प्रकरण का निस्तारण शीतकालीन अवकाश शुरू होने से पहले कर दिया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश राज्य सरकार व अन्य की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने मामले में गठित कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सभी स्कूलों को 60 फीसदी ट्यूशन फीस लेने को कहा गया है. जबकि स्कूल खुलने के बाद कक्षा 9 से 12 तक बोर्ड जितना फीसदी सिलेबस कम करेगा, उतनी फीसदी ट्यूशन फीस कम की जाएगी. इसकी गणना पिछले साल ली गई फीस के आधार पर की जाएगी. फिलहाल सीबीएसई ने तीस फीसदी और राजस्थान बोर्ड ने चालीस फीसदी सिलेबस कम करने की सहमति दी है.

पढ़ें-निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में CJ के साथ जस्टिस शर्मा करेंगे सुनवाई

वहीं एक अभिभावक की ओर से कहा गया कि पूरे साल के ट्यूशन फीस का 30 फीसदी ही लिया जाना चाहिए. सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने प्रकरण की अंतिम सुनवाई 15 दिसंबर को तय की है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर गत 7 सितंबर को निजी स्कूलों की 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूल करने की छूट दी थी. राज्य सरकार व अन्य की इस आदेश के खिलाफ अपील पर खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को अंतरिम रूप से फीस तय करने को कहा था.

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