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Special : गुलाबीनगरी की खूबसूरती को वॉटर कलर्स के जरिए कैनवास पर उकेर रहे ख्यातिनाम आर्टिस्ट

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद जयपुर मानो गुमसुम हो गया है, लेकिन इसी बीच अब 'धरोहर वॉटर कैम्प' के जरिए पर्यटकों को आकर्षित करने की पहल शुरू हुई है. देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों का ये झुंड गुलाबी नगरी की खूबसूरती को वॉटर कलर्स से कैनवास पर उकेर रहा है.

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कैनवास पर ऐतिहासिक धरोहर

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Published : Nov 29, 2020, 3:52 PM IST

जयपुर.राजस्थान एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है, तो वहीं इस मुश्किल दौर में राजधानी जयपुर में कलाकारों के कई ग्रुप्स खूबसूरत मॉन्यूमेंट्स को कैनवास पर उकेर रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों का ये झुंड गुलाबी नगरी की खूबसूरती को वॉटर कलर्स से कैनवास पर उकेर रहा है.

कैनवास पर ऐतिहासिक धरोहर...

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद जयपुर मानो गुमसुम हो गया. अनलॉक होने के बाद अब पर्यटक धीरे-धीरे इसके दीदार के लिए अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन फिर भी पर्यटकों के मन में कोरोना का खौफ देखा जा सकता है. इसी बीच अब 'धरोहर वॉटर कैम्प' के जरिए पर्यटकों को आकर्षित करने की पहल शुरू हुई है. भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर और वेस्ट जोन कल्चरल सेंटर की ओर से देशभर से आए विख्यात आर्टिस्ट इस पहल को साकार करने में जुटे हुए हैं.

गुलाबीनगरी जयपुर की खूबसूरती

कैनवास पर भागती-दौड़ती जिंदगी...

जयपुर शहर के अलग-अलग हिस्सों में ग्रुप में बंटे ये कलाकार मॉन्यूमेंट्स के साथ-साथ भागती-दौड़ती जिंदगी को लाइव कैनवास पर उकेर रहे हैं. इन कलाकारों के करीब 6 ग्रुप बने हुए हैं, जिसमें मुंबई, कोलकाता, झारखंड, पुणे, दिल्ली और राजस्थान के भी आर्टिस्ट शामिल हैं. ये सभी कलाकार इस महीने की अंतिम तारीख तक ये सिलसिला जारी रखेंगे.

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बता दें कि अब तक ये कलाकार गुलाबी नगरी के पर्यटन दर्शनीय स्थल हवा महल, जंतर-मंतर, सिटी पैलेस, अल्बर्ट हॉल, नाहरगढ़ फोर्ट, त्रिपोलिया गेट और आमेर फोर्ट की इमारतों को अपने-अपने अंदाज में खूबसूरत लाइव पेन्टिंग के जरिए उकेर चुके हैं. कैंप में शामिल आर्टिस्ट कोलकाता के अंचित्य, मौशमी, गौतम, सरत, दिल्ली से मेघा और अमित कपूर, राजस्थान से डॉ. किरण सोनी सहित अन्य कलाकार हैं.

पेंटिंग करते कलाकार...

सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक बनाते हैं पेंटिग्स...

करीब 13 आर्टिस्ट सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ये पेंटिग्स बना रहे हैं. आर्टिस्ट अनीर का कहना है कि एक पेटिंग को बनाने में करीब 2 घंटे लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि पहले जगह तय कर वहां अपना पूरी सेटअप लगाते हैं और फिर अलग-अलग ग्रुप में कैनवास पर रंगों की रंगत करते हैं.

ऐसे करते हैं पेंटिंग...

दरअसल, वॉटर कलर पेंटिंग कुछ हट कर है, इसमें आर्टिस्ट लेयर्स में काम करते हैं. इसमें सबसे पहले किसी आर्किटेक्चर का लाइट एरिया का स्काई से लेकर ग्राउंड तक स्केच बनाया जाता है. इसके लाइट एरिया को अलग-अलग रंगों से वॉटर पेंट करके सुखाया जाता है और फिर उसके मिडिल टोन को में पहले वाले कलर से डार्क कलर डालकर अच्छे से एक-एक सेप करके पेंट किया जाता है, जिसे कुल तीन लेयर में कम्प्लीट किया जाता है, जो कि देखने में बहुत ही खूबसूरत और अद्भुत दिखाई देती है.

कैनवास पर ऐतिहासिक धरोहर...

जयपुर में ये धरोहर कैम्प खत्म होने के बाद इन विख्यात कलाकारों की ये वॉटर पेन्टिंग्स की प्रदर्शनी गवर्नर हाउस में लगाई जाएगी, जहां राज्यपाल कलराज मिश्र इनका दीदार करेंगे. वहीं, राजस्थान के बाद इस प्रकार के धरोहर कैम्प सीरीज के रूप में गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भी लगाएं जाएंगे. जहां कलाकारों की यही टोली वहां जाकर ऐतिहासिक धरोहरों को कैनवास पर उकेरेंगे.

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