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बसंत पंचमी 2022: सरस्वती माता की पूजा से मिलता है ज्ञान और विद्या का आशीर्वाद, पूजा स्थान पर जरूर रखें ये खास चीज - Jaipur Latest news

देश भर में आज बसंत पंचमी (Basant Panchami Festival) धूमधाम से मनाई जाएगी. शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरुआत करने के लिए ये दिन बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन छात्र-छात्राएं विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना (Saraswati Puja 2022) करते हैं. शास्त्रों में बसंत पंचमी के दिन कई नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं.

बसंत पंचमी 2022
बसंत पंचमी 2022

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Published : Feb 5, 2022, 7:43 AM IST

जयपुर. विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्मदिन आज शनिवार को बसंत पंचमी (Basant Panchami 2022) के रूप में मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा शुरू करने के लिए बेहद ही अनुकूल माना गया है. यही वजह कि इस दिन शैक्षिणिक संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा के विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से करने से विद्या और ज्ञान का आर्शीवाद मिलता है. सरस्वती स्त्रोत का जाप भी करना चाहिए. साथ ही पूजा वाली जगह पर कोई पुस्तक, वाद्य यंत्र या कोई भी कलात्मक चीज रखने से भी देवी सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है.

पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी शनिवार 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन रविवार 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट यानि 5 घंटे 28 मिनट तक का रहेगा.

पढ़ें- बसंत पंचमी 2022: सफेद और पीले फूलों से करें मां सरस्वती की पूजा

बसंत पंचमी पर इस तरह पूजा से प्रसन्न करें माता सरस्वती को

- बसंत पंचमी के दिन जल्दी उठें, अपने घर में अच्छी तरह साफ सफाई करने के बाद पूजा की तैयारी करें.
- इस दिन स्नान करने से पहले नीम और हल्दी का लेप अपने शरीर पर अवश्य लगाएं.
- नहाने के बाद पीले या सफेद रंग के कपड़े पहनें.
- मां सरस्वती की मूर्ति या प्रतिमा को पूजा वाली जगह पर स्थापित करें.
- माता सरस्वती की मूर्ति या प्रतिमा के बगल में भगवान गणेश की मूर्ति जरूर रखें.
- इस दिन पूजा वाली जगह पर कोई पुस्तक,वाद्य यंत्र या कोई भी कलात्मक चीज आवश्यक रखें.
- इसके बाद एक साफ़ थाली या प्लेट में कुमकुम, हल्दी, चावल, और फूलों से सजा कर भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा करें.

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