जयपुर.यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) के आह्वान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किए जाने के विरोध (Opposition to privatization of banks) में बैंकों में 2 दिन की देशव्यापी हड़ताल (Bank Strike Today) की घोषणा की गई है. ऐसे में 16 और 17 दिसंबर को 2 दिन बैंक बंद (Government Bank Strike in Rajasthan) रहेंगे और बैंक कर्मी विरोध प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे.
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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) का कहना है कि सरकार संसद के वर्तमान सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लेकर आ रही है, जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक को निजी क्षेत्र में किए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा. ऐसे मे देश के बैंक कर्मचारी और अधिकारी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ लामबंद होकर 16 और 17 दिसंबर को 2 दिन की देशव्यापी हड़ताल करेंगे.
हड़ताल से पूर्व केंद्रीय अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने समझौता कराए जाने की दृष्टि से केंद्र सरकार, भारतीय बैंक संघ और यूनाइटेड फोरम से जुड़े संगठनों के नेताओं को वार्ता हेतु 10 दिसंबर और उसके बाद 14 और 15 दिसंबर को दिल्ली बुलाया था. वहीं, सरकार के प्रतिनिधि यह कहने की स्थिति में नहीं थे कि निजीकरण संबंधित विधेयक वर्तमान सत्र में पेश नहीं किया जाएगा. इसके बाद यूनाइटेड फोरम ने 16 और 17 दिसंबर की पूर्व निर्धारित हड़ताल पर जाने का निर्णय को बहाल रखा, जिससे वार्ता टूट गई.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के प्रदेश संयोजक महेश मिश्रा ने बताया कि इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के 4000 से भी अधिक शाखाओं में कार्यरत 25,000 अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे. सार्वजनिक क्षेत्र के 6650 एटीएम में हड़ताल के दौरान पैसा नहीं भरा जाएगा. इसके साथ ही हड़ताल से प्रतिदिन 10 हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित (Bank strike effect in rajasthan) होगा.
जोधपुर में भी बैंक कर्मचारियों का हड़ताल
जोधपुर में भी सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारी दो दिन की हड़ताल (Bank strike in Jodhpur) पर चले गए. फोरम के जोधपुर संयोजक राजेंद्र गहलोत ने बताया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण को लेकर कानून लाने जा रही है. दूसरी ओर देश में 736 निजी बैंकों के डूबने से जनता के करोड़ों रुपए डूब चूके हैं. इसके बावजूद केंद्र सरकार इसको लेकर कानून बनाने की तैयारी कर रही है. सरकार अगर कानून लाती है तो हम इसके विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.