जयपुर.लाइफ सिक्योर के नाम पर सरकारी और प्राइवेट बैंकों की ओर से इंश्योरेंस किए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में पॉलिसी धारक या उसके परिजनों को उसका लाभ मिल सके. लेकिन पॉलिसी एजेंट की चूक के चलते इसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ रहा है. राजधानी की ज्योति नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार के साथ इंश्योरेंस के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.
दरअसल, लाल कोठी की रहने वाली पीड़िता बुजुर्ग माया गर्ग के पति सुधीर गर्ग ने सी स्कीम स्थित आईसीआईसीआई बैंक से साल 2010 सितंबर में करीब 20 लाख रुपये का लोन लिया था. बैंक की ओर से सुधीर गर्ग लोन सिक्योर पॉलिसी भी कर दी. लेकिन साल 2016 जुलाई में सुधीर गर्ग की कैंसर से मौत हो गई.
मौत के बाद सुधीर की पत्नी ने पॉलिसी के लिए संपर्क किया तो पता चला कि बैंक ने फर्जी हस्ताक्षर करते हुए और गलत फॉर्म भरकर बेटे दीपेश के नाम पर पॉलिसी कर दी. जब पीड़ित ने इसके लिए बैंक से संपर्क किया तो उन्होंने सही हस्ताक्षर होने का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी ना होने की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया.