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बैंक कर्मचारियों-अधिकारियों ने किया किसान आंदोलन का समर्थन, कॉरपोरेट डूबत ऋण वसूली की मांग

कोरोना काल में लंबे अरसे बाद बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की आमसभा शनिवार को आयोजित हुई. जहां बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोरोना काल के अनुभव शेयर किए और अपनी समस्याओं और मांगों पर चर्चा की. इसके साथ ही किसान आंदोलन का समर्थन किया गया और कॉरपोरेट डूबत ऋण वसूलने और इसे आपराधिक कृत्य घोषित करने की भी सरकार से मांग रखी गई.

Demand to withdraw agricultural laws, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग
बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की आमसभा

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Published : Jan 23, 2021, 7:00 PM IST

जयपुर. कोरोना काल में लंबे समय बाद बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की आमसभा का आयोजन शनिवार को आयोजित हुई. इसमें बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने एक-दूसरे से कोरोना काल के अनुभव शेयर किए और लंबित मांगों पर भी चर्चा की गई. बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने, कॉरपोरेट डूबत ऋण की वसूली करने की मांग की और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और बैंक मर्जर का विरोध भी किया.

बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की आमसभा

इस सभा को राजस्थान बैंक एम्प्लाइज यूनियन के उप महासचिव सूरजभान सिंह आमेरा, आल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश मिश्रा और बैंक ऑफ इंडिया के महासचिव आरजी शर्मा ने संबोधित किया. राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लॉइज यूनियन के उप महासचिव सूरजभान सिंह आमेरा का कहना है कि कोविड के चलते बहुत लंबे समय बाद बैंक ऑफ इंडिया एम्प्लॉइज यूनियन के आह्वान पर आज बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की आमसभा हुई.

कोरोना का खतरा कम होने पर नववर्ष स्नेह मिलन का भी आयोजन किया गया है. उनका कहना है कि लंबे संघर्ष के बाद देश के 10 लाख बैंक कर्मचारियों को वेतन समझौते का लाभ मिला है. बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों को एरियर का लाभ भी मिल गया है. इस बैठक में वेतन समझौते के लिए किए गए लंबे संघर्ष की चर्चा की गई. इसके साथ ही देश के किसानों के ताजा हालात पर भी मशवरा किया गया, लेकिन चिंता की बात यह है कि देश का किसान आज आंदोलन की राह पर है.

केंद्र सरकार किसानों पर कृषि कानून थोप रही है. संसदीय प्रजातंत्र को नकारकर केंद्र सरकार पहले कृषि संबंधी विधेयक लेकर आई और अब उन्हें कानून बना दिया गया है. हम किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले इन कृषि कानूनों को वापस लिया जाए.

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सूरजभान सिंह आमेरा का कहना है कि हम बेहतर ग्राहक सेवाओं के साथ डूबत ऋण की वसूली कैसे करें. इस पर बैठक में चर्चा की गई है. इसके साथ ही सरकार से मांग की है कि कॉरपोरेट डूबत ऋण की वसूली की जाए और कॉरपोरेट डूबत ऋण को आपराधिक कृत्य घोषित किया जाए. इसके साथ ही निजीकरण व बैंक मर्जर को लेकर विरोध भी जताया गया.

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